इंदौर । कोरोना महामारी में चिकित्सकों ने समाज सेवा की जो मिसाल कायम की है, वह अद्वितीय है। चिकित्सकीय पेशा हमेशा से समाज सेवा का रहा है, लेकिन कोरोनाकाल में की गई सेवा ऐतिहासिक है। निष्ठा के साथ समुदाय की सेवा करने वाले चिकित्सक किसी योद्धा से कम नहीं हैं। ऐसे चिकित्सकों को सम्मानित करना वाकई गर्व की बात है। इसी मकसद के साथ शुक्रवार को चिकित्सक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। होटल शैरेटन ग्रैंड पैलेस में शाम को इंदौर के श्रेष्ठ चिकित्सकों को उनके उत्कृष्ट सेवा, योगदान व उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में 50 से ज्यादा चिकित्सक उपस्थित थे। समारोह जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा की उपस्थिति में हुआ।
इन श्रेणियों में किया जाएगा सम्मानित
छाती रोग विशेषज्ञ, जनरल मेडिसिन, ह्दय रोग, स्त्री रोग, तंत्रिका तंत्र, त्वचा रोग, शिशु रोग, गुर्दा या किडनी रोग, आयुर्वेद, एनेस्थेटिक्स, दंत रोग, हड्डी रोग, नेत्र रोग, रेडियोलाजी, यूरोलाजी, गैस्ट्रोएंटेरोलाजी, एलर्जी एवं इम्यूनोलाजी, फिजियोथेरेपी, जनरल सर्जरी, फोरेंसिक साइंस, पैथोलाजी, ईएनटी, प्लास्टिक सर्जरी, मनोचिकित्सक। नईदुनिया चिकित्सक सम्मान के सहयोगी ओमेक्स, शैरेटन ग्रैंड पैलेस, श्री अरबिंदो विश्वविद्यालय, इंडेक्स मेडिकल कालेज, सार्थक सिंगापुर ग्रुप, गोधा एस्टेट, बैंक आफ महाराष्ट्र और मिलिनियम इंफ्रा है।
चिकित्सकों ने शहर के स्वास्थ्य सेवाओं को गति दी
चिकित्सक सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले चिकित्सकों का चयन निर्णायक मंडल ने उत्कृष्ट सेवा, योगदान, उपलब्धियों और समाज सेवा को देखते हुए किया है। मंडल में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज के डीन डा. संजय दीक्षित और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इंदौर शाखा के अध्यक्ष डा. सुमित शुक्ला भी शामिल थे। डा. संजय दीक्षित ने कहा कि शहर के सभी चिकित्सकों ने उत्कृष्ट योगदान देकर शहर की स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं समाज हित में भी लगातार योगदान दे रहे हैं। शहर को चिकित्सा सेवाओं में प्रसिद्धि दिलाने में चिकित्सकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
दूसरे राज्यों के मरीज इंदौर आते हैं इलाज कराने -
डा. दीक्षित ने कहा कि आज शहर में हर तरह के उपचार सफलातपूर्वक हो रहे हैं। कई अनुभवी चिकित्सक मौजूद हैं और आधुनिक लैब और आधुनिक आपरेशन थियेटर भी यहां के अस्पतालों में स्थापित हो चुके हैं। पहले जहां आसपास के शहरों के रहवासी कई बीमारियों का इलाज कराने के लिए दूसरे बड़े शहरों में जाते थे अब इससे विपरीत अन्य राज्यों के लोग इलाज कराने इंदौर आने लगे हैं। कोरोना और अन्य संकट के समय में भी चिकित्सकों के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।