वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से वाराणसी से निर्वाचित हुए हैं तब से इस शहर की काया ही बदल गई है। मोदी के निर्वाचित होने से लेकर अब तक हाईप्रोफाइल लोगों की इस शहर में आवाजाही काफी बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार मोदी के 64 सदस्यीय मंत्रिमंडल के 31 मंत्रियों ने पिछले साल 26 मई से लेकर इस साल 30 जून तक वाराणसी की 129 यात्राएं की हैं।

इसके अलावा 27 मंत्रालयों के 56 से अधिक आला अधिकारी भी यहां 144 बार आए। इन अधिकारियों में सचिव और संयुक्त सचिव स्तर तक के अधिकारी थे। ये सभी अपने-अपने मंत्रालयों की परियोजनाओं की जानकारी लेने यहां आए। जानकारी के अनुसार रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा इस अवधि में सर्वाधिक 52 बार यहां आए। वे अपने निर्वाचन क्षेत्र गाजीपुर जो यहां से ज्यादा दूर नहीं है, कभी-कभार ही गए।

पीएम मोदी ने सिन्हा और दो मंत्रियों संतोष गंगवार (टैक्सटाइल) और महेश शर्मा (पर्यटन और संस्कृति) से कहा भी है कि वे माह में कम से कम एक बार उनके निर्वाचन क्षेत्र कार्यालय में आकर जनता को आने वाली समस्याओं के बारे में उनसे बात करें। संतोष गंगवार पांच बार और महेश शर्मा तीन बार यहां आ चुके हैं। पीएम मोदी खुद ही दो बार यहां आ चुके हैं। वे यहां 11 नवंबर और 25 दिसंबर को आए जबकि पिछले साल अक्तूबर और इस साल जून की उनकी यात्रा निरस्त हो गई।

हाई प्रोफाइल लोगों की यात्रा एक नजर में
-52 मनोज सिन्हा, रेल राज्यमंत्री
-16 कलराज मिश्र, माइक्रो, लघु
-07 उपेन्द्र कुशवाहा, एचआरडी राज्यमंत्री
-05 राजनाथ सिंह, गृह मंत्री
-05 संतोष गंगवार, टैक्सटाइल
-04 साध्वी निरंजन ज्योति, खाद्य प्रसंस्करण
-03 उमा भारती, स्मृति ईरानी, राधामोहन सिंह,थावर चन्द्र गहलोत, महेश शर्मा और पीयूष गोयल (प्रत्येक तीन-तीन बार)
-02 रवि शंकर प्रसाद, सुरेश प्रभु, प्रकाश जावेडकर (प्रत्येक दो-दो बार)
-01 वेंकयानायडू, हर्षवद्र्धन, रामविलास पासवान, जुआल
ओराम, नजमा हेपतुल्ला, वीके सिंह, श्रीपद नायक, विष्णु देव साई,
राजीव प्रताप रुडी, किरण रिजिजू, गिरिराज सिंह, विजय सांपला,
जयन्त सिन्हा, हंसराज गंगाराम अहीर, मुख्तार अब्बास नकवी
और रामशंकर कटारिया (एक-एक बार)

इसके अलावा 27 मंत्रालयों के जिन 144 आला अधिकारियों ने यात्राएं की हैं उनमें 33 सचिव, 27 संयुक्त सचिव, 19 निदेशक और 03 अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। मोदी के वाराणसी से निर्वाचित होने से शहर को काफी लाभ भी हुआ क्योंकि यहां सपाई आदि पर काफी ध्यान दिया जाता है।