रसेल्स : यूरोजोन के नेता ऋण संकट से ग्रस्त यूनान को यूरो मुद्रा से बाहर जाने से बचाने के लिए एक करार पर सहमत हो गए जिसके साथ ही एथेंस को आने वाले दिनों में कठोर सुधार करने पड़ेंगे। 17 घंटे तक चली लंबी बातचीत के बाद यूनान के वामपंथी प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास अपने अरूचिकर सहयोगियों द्वारा तय शर्तो को स्वीकार कर लिया।
यूरो के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने ट्विटर पर ऋण संकट ग्रस्त यूनान के साथ समझौते की घोषणा की। इसके साथ ही सिप्रास की मितव्ययिता विरोधी सरकार और यूरो क्षेत्र के शेष देशों के बीच पिछले छह माह से चल रहा गतिरोध भी समाप्त हो गया। पोलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टस्क ने कहा ‘यूरो देशों के बीच समझौते पर सर्वसम्मति बन गई।’ उन्होंने कहा कि सभी यूनान के लिए गंभीर सुधार और वित्तीय समर्थन के साथ यूरोपीय स्थिरता प्रणाली (ईएसएम) कार्यक्रम के लिए तैयार हो गये हैं।
यूनान ने पिछले सप्ताह यूरो क्षेत्र के राहत कोष, ईएसएम से तीसरा राहत पैकेज प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था। यूनान के पिछले राहत पैकेज की अवधि 30 जून को समाप्त हो गई थी जिसके बाद पिछले कई वषरें में पहली बार यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता से महरूम हो गया। यूनान के बैंक भी पिछले दो सप्ताह से बंद हैं और ऐसी आशंका है कि यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा अतिरिक्त कोष नहीं मिलने की स्थिति में ये बैंक खाली हो जाएंगे। इसका अर्थ था यूनान को अपनी मुद्रा मुद्रित करनी पड़ती और वह यूरो से बाहर निकल जाता।