नई दिल्ली: फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के उपयोग पर लगाम कसने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार ने अगले सप्ताह से इन दस्तावेजों का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।  

फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के उपयोग के कई मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। राजस्व विभाग के अनुसार, डिजिटल हस्ताक्षर के साथ जाति प्रमाणपत्रों की पंजीकरण संख्या आनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। राजस्व विभाग ने डेटा को ऑनलाइन अपडेट करने के उपयोग के लिए अपने साफ्टवेयर का विश्लेषण शुरू किया है।

डेटाबेस सभी के लिए खुला होगा और जो किसी व्यक्ति के प्रमाणपत्र का सत्यापन करना चाहता है वह पंजीकरण संख्या की मदद से एेसा कर सकता है। संभागीय आयुक्त अश्वनी कुमार ने कहा, ‘‘प्रवेश और नौकरियों में आरक्षण या सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन सहित अन्य लाभ लेने के लिए आवेदकों की जानकारी का सत्यापन करने के लिए यह पहल मददगार होगी।