जब भी कोई व्यक्ति फैंटसी स्पोर्ट्स प्लेटफाॅर्म पर मौजूद किसी खेल में हिस्सा लेता है तो उसे कुछ ना कुछ शुल्क देना पड़ता है। फिर कमीशन काटने के बाद कंपनी उसी में से इनाम की रकम बनाती है। मौजूदा समय में कंपनियों को 18% जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, जिसे ग्राॅस गेमिंग रेवन्यू भी कहा जाता है। कंपनियों को डर है कि इसे 28% किया गया तो कहीं यूजर्स छोड़कर जाने ना लगें। उदाहरण के तौर एक कंपनी ABC जिसने क्रिकेट मैच का फैंटेसी टूर्नामेंट आयोजित किया है और उसने न्यूनतम शुल्क इसमें हिस्सा लेने वालों के लिए 50 रुपये रखा है। वहीं, इसके बदले इनाम एक करोड़ रुपये का है। अब संकट यह है कि टैक्स बढ़ने से कंपनियां इनाम के रकम को कम करेंगी। उन्हें डर है कि इससे यूजर्स की संख्या घट सकती है। आल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के एडवाइजर अमरीत किरन सिंह कहते हैं, 'ग्राॅस गेमिंग रेवन्यू पर जीएसटी लगाने से टैक्स 900% तक बढ़ सकता है। जोकि तेजी से बढ़ रहे इंडस्ट्री को मार देगा।' गेम्स 25×7 के काॅरपोरेट और रेगुलेटरी अफेयर्स के दिनकर वशिष्ठ कहते हैं, 'यह ना सिर्फ इंडस्ट्री के लिए खतरनाक है। साथ ही जीएसटी रूल और फेयर टैक्स के वूसलों के भी विपरीत है।' बता दें, जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 28 जून को होने जा रही है।
ऑनलाइन गेमिंग में घट सकती है इनाम की रकम
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