एथेंस (यूनान): यूनान एक अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहा है क्योंकि देश के गृह मंत्रालय ने अनुमान जताया कि जनमत संग्रह में 60 प्रतिशत से ज्यादा वोटरों ने राहत कर्ज के लिए बदले में ज्यादा मितव्यता की कर्जदारों की मांग को नकार दिया है।

पांच महीने पुरानी वामपंथी सरकार की बागडोर संभाल रहे प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास ने जोर देकर कहा है कि ‘ना’ वोट से उन्हें बेहतर समझौता करने में मदद मिलेगी जबकि ‘हां’ के पक्ष में परिणाम रहा तो इसका मतलब होगा कि उन्हें कठोर मांगों के आगे झुकना पड़ेगा।

विपक्ष ने सिप्रास पर यूरो का इस्तेमाल करने वाले 19 सदस्यीय देशों के समूह में देश की सदस्यता खतरे में डालने का आरोप लगाया है और कहा है कि ‘हां’ वोट एक समान मुद्रा बरकरार रखने के बारे में है। रविवार की शाम में करीब चौथाई हिस्से की गिनती तक गृह मंत्रालय ने रूझान में ‘ना’ की बढ़त के बारे अनुमान जाहिर किया।