भोपाल : व्यापमं घोटाला कवर करने गए टीवी जर्नलिस्ट अक्षय सिंह की मौत पर मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को गैर जिम्मेदाराना बयान दिया। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘पत्रकार-वत्रकार छोड़ो यार। हमसे बड़ा पत्रकार है क्या?’’ यह सुनकर भी चौहान मुस्कराते रहे। हालांकि बाद में विजयवर्गीय ने कहा- ‘‘मैंने ऐसा बोला, ये मुझे याद नहीं है। किसी बातचीत को कहीं और जोड़ दिया गया है। सोमवार को मैं उनके परिवार से मिलने जा रहा हूं।’’ बता दें कि अक्षय की शनिवार को मध्य प्रदेश के झाबुआ में अचानक से तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी। रविवार को दिल्ली में हुए उनके अंतिम संस्कार में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कई नेता शामिल हुए थे।
पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं विजयवर्गीय
महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर विजयवर्गीय ने कुछ वक्त पहले कहा था, ''सीताजी ने जब लक्ष्मण रेखा पार की, तभी रावण उनका अपहरण कर पाया। अगर सीताजी लक्ष्मण रेखा पार करेंगी तो सीताहरण होकर रहेगा क्योंकि बाहर रावण घूम रहे हैं।'' इसके अलावा, विजयवर्गीय ने एक बार कहा, ''महिलाओं को इस तरह के कपड़े पहनने चाहिए कि दूसरों के मन में सम्मान पैदा हो। फैशन, जीवनशैली और चालचलन भारतीय संस्कृति के मुताबिक होना चाहिए। दुर्भाग्य है कि महिलाएं उकसाने वाले कपड़े पहन रही हैं, जिससे सामाजिक मूल्यों में गिरावट आ रही है।''
जर्नलिस्ट के विसरा की एम्स में होगी जांच
मध्य प्रदेश सरकार ने अक्षय सिंह के परिवार की उस मांग को मंजूर कर लिया है, जिसमें अक्षय के विसरा की जांच मध्य प्रदेश से बाहर कराने की मांग की गई थी। अक्षय सिंह की बहन ने मुख्यमंत्री शिवराज को चिट्ठी लिखकर अक्षय का विसरा नमूना राज्य के बाहर जांच कराने की मांग की थी। मध्य प्रदेश के डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने विसरा को एम्स भेजने का एलान किया। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान अक्षय की मौत की जांच एसआईटी से कराने की बात कह चुके हैं।
क्या होता है विसरा?
किसी भी शख्स की मौत के बाद केमिकल टेस्टिंग के लिए मृतक के लिवर, किडनी, आंतें समेत अन्य अंग लिए जातें हैं, इसे विसरा कहते हैं। विसरा सैम्पल को केमिकल में प्रिजर्व (संरक्षित) रखा जाता है। विसरा सैम्पल की जांच फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) में की जाती है।
मेडिकल कॉलेज के डीन की मौत
रविवार सुबह मध्य प्रदेश के जबलपुर के एमएस मेडिकल कॉलेज के डीन अरुण शर्मा की दिल्ली के एक होटल में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। डॉक्टर शर्मा का शव दिल्ली के कापसहेड़ा में आईजीआई एयरपोर्ट के पास होटल उप्पल में मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. अरुण शर्मा व्यापमं की जांच कर रही एसआईटी की मदद कर रहे थे। वह मेडिकल एंट्रेस एग्जाम में बैठे फर्जी कैंडिडेट्स से जुड़े दस्तावेज एसआईटी को उपलब्ध करा रहे थे। बताया जा रहा है कि शर्मा ने एसटीएफ को 200 सूचनाएं मुहैया कराई थीं। उधर, आईएमए जबलपुर के प्रेसिडेंट सुधीर तिवारी ने भी इस मामले में अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई है।
विजयवर्गीय ने उड़ाया मजाक, बोले- क्या पत्रकार हमसे बड़ा होता है?
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