नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा में सोमवार को वैट संशोधन विधेयक पेश किया। इस संशोधन के बाद वैट की दर बढ़ाने या घटाने फैसला लेने का अधिकार कैबिनेट का होगा। इसके लिए विधानसभा में आने की जरूरत नहीं है। आज (मंगलवार) इस बिल पर चर्चा होगी। विधानसभा से पास होने के बाद यह दिल्ली मूल्य संवर्धित कर (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2015 कहा जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा है कि कुछ चीजों पर वैट 20 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया जाए। यदि वैट बढ़ाया जाता है तो पेट्रोलियम उत्पादों सहित 11 चीजों पर इसका भार पड़ेगा।
दिल्ली सरकार ने जिन चीजों पर वैट बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है उसमें शराब, देशी शराब, 5000 रुपये से ज्यादा दाम की घड़ियां, कोल्ड ड्रिंक्स, लॉटरी टिकट, तंबाकू, गुटका, बीड़ी, हुक्का और भांग शामिल हैं। अभी तक इन चीजों पर अधिकतम 20 फीसदी का वैट है। जो 30 फीसदी तक किया जा सकता है। इस लिस्ट में पेट्रोल, डीजल भी शामिल हैं।
उधर, एक महीने के भीतर कर की दरों में एकरूपता लाए जाने की उम्मीद जताते हुए दिल्ली सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र के बाद पड़ोसी राज्यों के साथ इस संबंध में बैठकें बुलाने की योजना बनाई है। पिछले महीने, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश कर की दरों में एकरूपता लाने की दिशा में काम करने और व्यापार बढ़ाने के लिए एक साझा बाजार विकसित करने पर सहमत हुए। दिल्ली सरकार के मुताबिक, वह जैसे ही बजट सत्र समाप्त होता है, वह अन्य उत्तरी राज्यों के साथ संचार प्रक्रिया शुरू करेगी।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, हम एकसमान कर बाजार बनाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रत्येक राज्य का कर विभाग कर की अलग-अलग दरों को लेकर परेशान है। उदाहरण के तौर पर हम छापे के दौरान अक्सर पाते हैं कि कर्नाटक या अन्य सुदूर राज्यों में किए गए व्यापार का बिल दिल्ली में बनाया गया है। उन्होंने कहा, उत्तरी राज्यों के कई वित्त मंत्री इस पर सहमत हैं। जैसे ही आम सहमति बनती है, हम इसे लागू करेंगे। मुझे आशा है कि हम एक महीने के भीतर इसे लागू कर देंगे।
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