वाशिंगटन : लुसियाना के राज्यपाल बॉबी जिंदल ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए आज अपने अप्रवासी अभिभावकों की सफलता की गाथा बयां की लेकिन एक बार फिर अपनी भारतीय जड़ों से दूरी बनाते हुए जोर दिया कि ‘हम अलग प्रकार के अमेरिकी नहीं बल्कि अमेरिकी हैं।’ 

 

जिंदल ने कहा कि चालीस साल पहले कभी किसी विमान में सफर ना करने वाले एक युवा दंपति ने अमेरिका जैसी एक जगह पर आने के लिए दुनिया के एक दूसरे कोने में स्थित अपना घर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में जन्मे उनके माता पिता अमर और राज के अमेरिका आने के तुरंत बाद बैटन रोग में उनका जन्म हुआ।

जिंदल ने भारत से अमेरिका आए अपने माता-पिता के सफर की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘उन्होंने कभी भी अमेरिका नहीं देखा था। उस समय इंटरनेट नहीं था लेकिन उन्होंने अमेरिका की महानता के बारे में सुना था। दुनिया में एक ऐसी जगह थी जहां लोग आजाद थे और वास्तविक मौके उपलब्ध थे।’ 

उन्होंने कहा, ‘वे किसी भौगोलिक जगह पर नहीं आ रहे थे। वह एक विचार की तरफ आ रहे थे और वह विचार अमेरिका है। उनके लिए दुनिया में जो भी अच्छा था अमेरिका उसका प्रतीक था, जहां आप कड़ी मेहनत करें और नियमों से चलें तो आप आगे बढ़ सकते हैं। ऐसी जगह जहां आपके चमड़े का रंग, आप जहां जन्मे हैं वहां का पिन कोड या आपके परिवार का उपनाम मायने नहीं रखता बल्कि आपके चरित्र की विशेषता मायने रखती है।’ 

जिंदल ने आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद के चुनाव का अपना प्रचार शुरू करते हुए भारतीयों और दूसरे जातीय समूहों को अमेरिकियों से अलग ना देखने से जुड़ी अपनी टिप्पणियां दोहरायीं। उन्होंने दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘मैं अलग प्रकार के अमेरिकियों की बात से उकता गया हूं। हम भारतीय-अमेरिकी, अफ्रीकी-अमेरिकी, आयरिश-अमेरिकी, धनी अमेरिकी या गरीब अमेरिकी नहीं हैं। हम सभी अमेरिकी हैं।’ 

उन्होंने इस हफ्ते एक कार्यक्रम में इस बात पर निराशा जतायी थी कि ‘राष्ट्रपति बराक ओबामा लिंग, नस्ल, भूगोल और धर्म के माध्यम से अमेरिकियों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।’ जिंदल ने कहा था, ‘हम अब अलग प्रकार के अमेरिकी नहीं है। हम भारतीय-अमेरिकी, अफ्रीकी-अमेरिकी, आयरिश-अमेरिकी, धनी अमेरिकी या गरीब अमेरिकी नहीं हैं।’