भुवनेश्वर : ओड़ीशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करने के बाद उनकी पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। हालांकि भाजपा ने इसका औपचारिक एलान अभी नहीं किया। गमांग को पार्टी में शामिल करने के पीछे भाजपा की रणनीति ओड़ीशा के आदिवासियों के बीच अपना आधार मजबूत करने की मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि 1999 में इन्हीं गिरधर गमांग के विवादास्पद वोट ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतविभाजन के दौरान उस वक्त की राजग सरकार के गिरने में योगदान किया था।

बताया जाता है कि भाजपा नेतृत्व ने उनके पार्टी में शामिल होने को स्वीकार कर लिया है। लेकिन इसकी औपचारिकताएं बाद में भुवनेश्वर में की जाएंगी। पिछले महीने 30 तारीख को कांगे्रस छोड़ने की घोषणा करने वाले ओड़िशा के आदिवासी नेता ने कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला इसलिए किया क्योंकि एक तो यह राष्ट्रीय दल है और दूसरे वे इसकी राजनीतिक रणनीति को पसंद करते हैं। बहत्तर वर्षीय गमांग ने शाह से मिलने के बाद पत्रकारों से कहा- मैंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। जल्द ही औपचारिक रूप से इसमें शामिल होऊंगा। इसका फैसला भाजपा की प्रदेश इकाई शीघ्र करेगी। उन्होंने कहा- मैंने शुक्रवार को भाजपा प्रमुख अमित शाह से भेंट की और अपनी इच्छा बताई जिसे पार्टी नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है।

1999 में गमांग के उस कदम से तब विवाद खड़ा हो गया था जब दो महीने से भी ज्यादा समय से ओड़ीशा का मुख्यमंत्री बन जाने के बावजूद 17 अप्रैल (1999) को उन्होंने वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतविभाजन में हिस्सा लिया। उन्होंने उस समय तक लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था और इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की 13 महीने पुरानी राजग सरकार के खिलाफ वोट डाला। वाजपेयी सरकार केवल एक वोट से ही गिरी थी। भाजपा ने तब गमांग के मतदान में हिस्सा लेने पर काफी आपत्ति जताई थी।

भाजपा में शामिल होने की वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा- मेरे पास बहुत से विकल्प थे। लेकिन मैंने ऐसी पार्टी में जाना तय किया जहां मेरी स्वीकार्यता हो। उन्होंने कहा कि भाजपा एक राष्ट्रीय दल है और अब उसने साबित कर दिया है कि वह कांग्रेस का विकल्प है। भारतीय लोकतंत्र में वह जिस तरह की रणनीति पर चल रही है, मेरा मानना है कि यह राजनीतिक रणनीति का नया विचार है। मैं चाहूंगा कि यह केवल सत्ता में ही नहीं रहे बल्कि जनता की सेवा करे।

शाह से गमांग की इस भेंट के दौरान केंद्रीय मंत्री जुआल ओराम और धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के सचिव अरुण सिंह भी उपस्थित थे। प्रधान ने गमांग की शाह से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताते हुए कहा कि वे ओड़ीशा के अनुभवी नेता हैं, जिनकी आदिवासियों, गरीबों और पिछड़े वर्गों में काफी पकड़ और इज्जत है। उन्होंने कहा-कांग्रेस एक दिवालिया पार्टी है और हर कोई उसे छोड़ रहा है। गमांग के शामिल होने से ओड़ीशा में भाजपा को बड़ा फायदा होगा। उनके मुताबिक शुक्रवार को निर्णय यह हुआ है कि केंद्रीय मंत्री जुआल ओराम के नेतृत्व और उपस्थिति में गमांग औपचारिक रूप से भुवनेश्वर में भाजपा में शामिल होंगे।

भाजपा की रणनीति यह मानी जा रही है कि ओड़ीशा के आदिवासियों के बीच अपना आधार को मजबूत किया जाए और 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजद का मुकाबला किया जाए। गमांग 1999 में नौ महीने ओड़ीशा के मुख्यमंत्री रहे और वे केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। लोकसभा के लिए वे पहली बार 1972 में चुने गए थे।