नई दिल्ली । कैलाश विजवर्गीय को महासचिव बनाए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुलाकात चर्चा में है। दोनों के बीच यह मुलाकात करीब घंटेभर चली। सीएम ने हालांकि इस मुलाकात को सिर्फ सरकारी बताया है, लेकिन जानकारों की मानें तो सीएम से बातचीत के बाद ही कैलाश की नियुक्ति को फाइनल किया गया।
पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो यही बजह रही कि मुख्यमंत्री चौहान के प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर निकलने के महज आधे घंटे में विजवर्गीय को महासचिव बनाए जाने का आदेश जारी कर दिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो कैलाश विजयवर्गीय की रुचि और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से उनकी नजदीकियों को देखते हुए उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत पहले से ही मिल रहे थे,लेकिन इस मामले में शिवराज सिंह चौहान को भी विश्वास में लेना जरूरी था।
यही कारण थी कि उनकी नियुक्ति से पहले दोनों ही नेताओं में इस मुद्दे पर लंबी बातचीत हुई है। सूत्रों की मानें तो दोनों ही नेताओं की मुलाकात की प्रोग्राम भी आनन-फानन में तय किया गया।
मप्र में इस बार नए अंदाज में मनेगा रक्षाबंधन
मप्र सरकार इस बार रक्षाबंधन की त्योहार कुछ नए अंदाज में मनाएगी। जिसमें भाई अपनी बहनों का प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत बीमा कराएगे। जो उन्हें तोहफे के रुप में देंगे। इसके लिए सरकार भी मदद करेगी। बुधवार को दिल्ली प्रवास पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जानकारी दी और बताया कि लोगों को प्रेरित करने के लिए जल्द ही प्रदेश भर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री से जुड़ी इस योजना से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े यही उनकी इच्छा है। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात में उन्होंने अगले साल उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुभ की तैयारियों और कृषि बीमा योजना को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर की गई चर्चा की भी जानकारी दी। कैलाश विजवर्गीय को लेकर कोई चर्चा के सवाल को उन्होंने खारिज किया और कहा कि उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात पूरी तरह से सरकारी थी।