चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मुल्लापेरियार में नये बांध के निर्माण के संबंध में पर्यावरणीय अध्ययन को मंजूरी देने संबंधी केरल के अनुरोध पर ‘विचार’ के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे एक पत्र में उन्होंने कहा है कि मुल्लापेरियार में नये बांध के निर्माण के वास्ते पर्यावरण प्रभाव आकलन अध्ययन के लिए संदर्भ की शर्तों को दी गयी मंजूरी को इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का ‘‘सरासर उल्लंघन’’ बताया. उन्होंने मामले में मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
 
10 जून को भेजे गए इस पत्र में जयललिता ने कहा है कि यह ‘‘उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ के आदेश का उल्लंघन है.’ केरल मौजूदा ढांचे की जगह नये बांध के निर्माण के लिए पर्यावरण असर आकलन अध्ययन कराने के लिए केंद्र की मंजूरी मांग रहा है. उन्होंने कहा केरल की यह कार्रवाई मई 2014 के उच्चतम न्यायालय के आदेश का सरासर उल्लंघन है जिसमें कहा गया था मौजूदा मुल्लापेरियार बांध ढांचागत रूप से और भूकंप की दृष्टि से सुरक्षित है. 
 
उन्होंने कहा कि ऐसे में एक नया बांध बनाने की केरल की पेशकश बेमानी है.