नई दिल्ली : मैगी नूडल्स विवाद पर स्विस कंपनी नेस्ले के लिए आज कुछ और नयी परेशानियां पैदा हो गयीं। सरकार ने जहां कंपनी पर वित्तीय जुर्माना लगाए जाने के संकेत दिए तो साथ ही अनुचित व्यापार व्यवहार व भ्रामक विज्ञापनों को लेकर कंपनी को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग में घसीट लिया।
सूत्रों ने कहा- भारतीय उपभोक्ताओं की ओर से उपभोक्ता मामलात विभाग ने अब आयोग में शिकायत दायर की है। यह कदम एफएसएसएआई के उस आदेश पर आधारित है जिसमें कहा गया है कि नेस्ले अनुचित व्यापार व्यवहार तथा भ्रामक विज्ञापन जारी करने में संलिप्त रही है।
एफएसएसएआई ने इस उत्पाद को असुरक्षित और मानव उपभोग के लिए खतरनाक बताते हुए इसे बाजार से वापस लिए जाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा, हमने इस मामले में अतिरिक्त सालिसिटर जनरल की राय मांगी है और सरकार की ओर से वह आयोग में उपस्थित होंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार अर्थ दंड की मांग भी कर रही है, सूत्रों ने कहा- अगर आयोग फर्म को गलत पाता है तो उसके पास अर्थ दंड लगाने का अधिकार है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने अपनी तरफ से पिछले सप्ताह ही कंपनी के खिलाफ एक शिकायत आयोग में की थी।
उल्लेखनीय है कि मोनो सोडियम ग्लूटामेट तथा सीसे की मात्रा तय सीमा से अधिक पाये जाने को लेकर उठे विवाद के बीच कंपनी की भारतीय इकाई ने अपने इस उत्पाद को बाजारों से वापस लेने की घोषणा की है। अनेक राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गोवा आज मैगी की बिक्री पर रोक लगाने वाला 11वां राज्य हो गया और केंद्र ने संकेत दिए कि कुछ और फास्ट फूड उत्पादों की भी जांच हो सकती है। गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने मैगी पर पाबंदी की घोषणा की, जो खाद्य सुरक्षा चिंताओं को लेकर देश भर में विवाद के केंद्र में है।
यह फैसला विभिन्न राज्यों द्वारा उठाए गए कदम के मददेनजर किया गया है। हालांकि, गोवा के स्वास्थ्य नियामक ने उसमें कोई नुकसानदेह तत्व नहीं पाया है। उन्होंने पणजी के पास मपुसा शहर में संवाददाताओं से कहा, चूंकि देशभर में मैगी पर पहले ही पाबंदी लग गई है, इसलिए हमने कोई जोखिम नहीं उठाने का फैसला किया और गोवा में इसे प्रतिबंधित कर दिया।
उधर खाद्य सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने के बीच दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, असम, बिहार, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, गुजरात और उत्तराखंड पहले ही मैगी पर प्रतिबंध लगा चुके हैं तथा कई प्रयोगशाला जांच में इसमें अत्यधिक सीसा पाया गया है।
मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले का गोवा के बिचोलिम शहर में एक संयंत्र है। एक सवाल के जवाब में गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य ब्रांडों के बाकी पैकेड खाद्य उत्पादों की भी जांच होगी। वास्तव में हमें अन्य पैकेड खाद्य उत्पादों की जांच करने की जरूरत है।
स्विस कंपनी नेस्ले पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य निगरानी संस्था एफएसएआई ने शुक्रवार को मैगी के सभी तरह के नूडल्स को प्रतिबंधित करते हुए उन्हें मानव उपयोग के लिए असुरक्षित और नुकसानदेह बताया। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने मैगी विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा, इसमें जो सीसा पाया गया है वह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। यही कारण है कि इसे प्रतिबंधित किया गया है।
नाइक ने एक कार्यक्रम से इतर कहा, ऐसे कई अन्य उत्पाद हो सकते हैं। ऐसा नहीं है कि एक उत्पाद प्रतिबंधित कर दिया गया और काम खत्म हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और यहां तक कि राज्य भी उन स्थानों पर नजर रखे हुए हैं जहां ऐसे उत्पाद उपलब्ध हैं।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक ऐसा कोई उत्पाद प्रकाश में नहीं आया है। ऐसी चीजें सामने आने के बाद हम आपको बताएंगे। द कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नडडा और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से एफएसएसएआई कानून के तहत मैगी के ब्रांड अंबेसडरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
मंत्रियों को लिखे एक पत्र में इसने कहा है कि मैगी ब्रांड अंबेसडरों ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 24 का उल्लंघन किया है और इसलिए उनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए। धारा 24 ऐसी किसी भी खाद्य वस्तु के विज्ञापन पर प्रतिबंध मुहैया करता है जो गुमराह करती हों या झांसा देती हो या एफएसएसएआई अधिनियम, नियम एवं विनियमन के प्रावधानों का उल्लंघन करती हो।
सरकार ने अनुचित व्यापार व्यवहार पर नेस्ले को कोर्ट में घसीटा
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