हैदराबाद : आंध्रप्रदेश में विधानपरिषद चुनाव के लिए केस फोर वोट केस का विवाद  और गहरा हो गया.  इस मामले में तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख व आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का नाम अब सामने आया है. इस मामले में रविवार को चंद्रबाबू नायडू और मनोनीत विधायक एलविस स्टीफंसन के बीच एक कथित बातचीत का आडियो टेप स्थानीय समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया.यह आडियो तेलंगाना सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो ने जारी किया है.
 
 
उधर, यह मामला गरमाने के बाद सोमवार की सुबह मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस मुद्दे पर राज्यपाल से भेंट की और इस बारे में उनके सामने अपना पक्ष रखा. समझा जाता है कि उन्होंने राज्यपाल से तेलंगाना सरकार की  शिकायत की. उधर, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर यह आडियो व आरोप सही है, तो चंद्रबाबू नायडू को इस्तीफा दे देना चाहिए.
 
टीडीपी ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना सरकार उनके नेताओं का फोन टेप करवा रही है.  आंध्र प्रदेश सरकार के मीडिया सलाहकार पी प्रभाकर ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि ये टेप गढे गये हैं.
 
 
मालूम हो कि इन्हीं एलविस स्टीफंसन को ही विधानसभा चुनाव में 50 लाख रुपये रिश्वत देने के आरोप में आर रेड्डी को पिछले दिनों एंटी क्राइम ब्रांच ने गिर्फ्तार किया था और उसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. स्टीफंसन की शिकायत के बाद आर रेड्डी को पैसे की पेशकश करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.
 
अब जब स्टीफंसन से मुख्यमंत्री नायडू की बातचीत की बातें मीडिया में आयी है, तो तेलगुदेशम पार्टी इसे अपने नेता की छवि खराब करने का षडयंत्र करार दे रही है. मीडिया सलाहकार प्रभाकर ने कहा है तेलंगाना सरकार घटिया तरीकों का प्रयोग कर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की छवि खराब करना चाहती है. इस मामले के बाद दोनों राज्य सरकारों में भी टकराव बढने वाला है.
 
उधर, आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री व टीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव के खिलाफ दस्वावेज में जालसाजी करने के आरोप में एक केस दर्ज कर लिया है. इससे साफ है कि दोनों राज्यों की सरकार के बीच टकराव बढने वाला है.