सऊदी अरब में एक शिया मस्जिद पर इस्लामिक स्टेट के एक फिदायीन हमले में 21 लोगों की मौत हो गई और 81 लोग घायल हो गए। यह हमला पूर्वी प्रांत अश-शर्किया में जुमे की नमाज के दौरान हुआ। सुन्नी चरमपंथी आईएस के हमलावरों ने नवंबर में भी अल्पसंख्यक शिया समुदाय के सात सदस्यों की हत्या की थी। सरकारी समाचार एजेंसी एसपीए के मुताबिक, सऊदी गृह मंत्रालय ने बताया कि एक फिदाई हमलावर ने शिया बहुल कतीफ शहर के कुदीह इलाके में मस्जिद में विस्फोट कराया। मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि कतीफ में अली इब्न अबु तालिब मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान एक शख्स ने अपने लिबास के अंदर छिपाए गए बम में विस्फोट करा दिया। एसपीए के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि घायलों में 12 की हालत नाजुक है। आईएस ने पहली बार सऊदी अरब में किसी हमले की आधिकारिक जिम्मेदारी स्वीकार की है और कहा है कि उग्रवादी अरब प्रायद्वीप से उन्हें खदेड़े बिना दम नहीं लेंगे। उन्होंने कहा है कि शिया लोगों के खराब दिन आ रहे हैं। सुन्नी उग्रवादी संगठन आईएस शियाओं को मुलहिद या विधर्मी करार देता है। आईएस ने अपने ऑनलाइन बयान में कहा कि 'खिलाफत के फौजी' अबु अमर अल नज्दी के हमले के पीछे थे, जिसने मस्जिद में विस्फोट किया।

रमादी में इराकी सेना और शिया लड़ाकों के जवाबी हमले

अधिकारियों के मुताबिक, इराकी सेना और शिया लड़ाकों ने पिछले हफ्ते रमादी में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जवाबी हमले शुरू कर दिए। उल्लेखनीय है कि अनबार प्रांत की राजधानी रमादी इराक की राजधानी बगदाद से सिर्फ 110 किलोमीटर पश्चिम में हैं। रमादी के पूर्वी शहर हुसायबाह को निशाना बनाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को इस्लामिक स्टेट ने रमादी पर कब्जा कर लिया था। रमादी पर आईएस के नियंत्रण के बाद से ही शिया लड़ाके रमादी के आसपास इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। रमादी में दोनों तरफ से हो रहे हमले में अब तक 500 लोग मारे गए हैं और 40 हजार लोग शहर छोड़कर भाग गए। संयुक्त राष्ट्र ने रमादी की स्थिति पर चिंता जताई है।