दिल्ली में अरविंद केजरीवाल बनाम उपराज्यपाल की जंग बढ़ती ही जा रही है. केंद्र की मोदी सरकार और आईएएस एसोसिएशन खुलकर एलजी नजीब जंग के पक्ष में आ गए हैं. उधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र की मोदी सरकार, बीजेपी और उपराज्यपाल पर संगीन आरोप लगाए हैं.

उन्होंने कहा कि एलजी सिर्फ एक चेहरा हैं. वे प्रधानमंत्री मोदी के वाइसरॉय हैं और केंद्र के आदेशों का ही पालन करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दिल्ली में अपने पसंदीदा अधिकारियों को ही रखना चाहती है.

गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर उपराज्यपाल के अधिकार स्पष्ट किए हैं. 21 मई की तारीख वाली इस अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा है कि एलजी को दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का पूरा अधिकार है और वह 'चाहें तो' मुख्यमंत्री से सलाह ले सकते हैं.

भ्रष्टाचार विरोधी काम से घबराई बीजेपी: केजरीवाल
गृह मंत्रालय ने आर्टिकल 239AA का हवाला देते हुए कहा है कि आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का प्रशासन केंद्र के हाथ में होता है. इस अधिसूचना को अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की 'एक और हार' बताया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'बीजेपी पहले दिल्ली चुनाव हारी. आज की अधिसूचना से साफ है कि हमारे भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों से बीजेपी घबराई हुई है. वह आज फिर हार गई है.'