भोपाल। राजधानी में स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में सुरक्षा के इंतजाम बेहद लचर हैं। एजेंसी के माध्यम से सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं, लेकिन सिर्फ दिन में बैठे रहते हैं। रात में मुख्य द्वार के अलावा अंदर कहीं कोई भी सुरक्षा गार्ड नजर नहीं आता है। साथ ही बीयू का मुख्य द्वार कई माह से निर्माणाधीन होने के कारण रास्ता खुला हुआ है। जहां से कभी भी कोई आ-जा सकता है। वहीं बीयू के छात्रावास के पीछे की पूरी चारदीवारी टूटी हुई है। इस कारण परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां तक कि जानवर भी छात्रावास में घुस जाते हैं, जिससे विद्यार्थी परेशान होते हैं। बीयू में तीन बालक और तीन बालिका छात्रावास है। जहां पर करीब 1400 विद्यार्थी रह रहे हैं। बता दें, कि बीयू में 80 सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, जिनपर करीब 12 लाख रुपये खर्च हर माह होता है। इसके बावजूद विवि परिसर में चोरी की घटनाएं लगातार सामने आती है। फिर भी विवि प्रबंधन सुरक्षा को लेकर सचेत नहीं है।
छात्रावास के पीछे जगह-जगह बाउंड्रीवाल टूटी हैं
विवि में बालका छात्रावास मुंशी प्रेमचंद, संजय गांधी छात्रावास के पीछे परिसर की चारदीवार जगह-जगह से टूटी हुई है। यहां तक वहां के निवासियों ने वहां अतिक्रमण भी कर रखा है। कभी कोई भी अनजान व्यक्ति उधर से आता-जाता रहता है। जानवर भी उस रास्ते से परिसर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं, जिससे छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी परेशान होते हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार विवि प्रबंधन को आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कुछ भी इंतजाम नहीं होता है।
करीब एक साल से मुख्य द्वार निर्माणाधाीन
विवि का मुख्य द्वार करीब एक साल से निर्माणाधीन है, जो अब तक तैयार नहीं हुआ है। इस कारण सामने से भी दीवारें टूटी हुई है। विवि प्रशासन का कहना है कि भोपाल विकास प्राधिकरण मुख्य द्वार का निर्माण करा रहा है तो जब वे पूरा करेंगे। उसके बाद चारदीवारी बन पाएगी।
20 से अधिक चंदन की लकड़ी के पेड़ काटे जा चुके हैं
बीयू परिसर में सुरक्षा गार्ड के इंतजाम के बाद बेशकीमती चंदन के पेड़ के चोरी होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। करीब 20 से अधिक चंदन के पेड़ काटे जाने के मामले हुए हैं, लेकिन विवि प्रबंधन अंजान बना रहता है। इसके अलावा बीयू परिसर के सरकारी आवास, छात्रावास व विभागों में चोरियां हाे चुकी हैं। इसके बावजूद भी विवि प्रबंधन सतर्क नहीं है। विवि में सुरक्षा के नाम पर जितने कर्मचारियों का वेतन निकाला जा रहा है, वास्तव में मौके पर उतने कभी मिलते ही नहीं है। साथ ही जो ड्यूटी कर रहे हैं, वे भी झपकियां लेते हैं। परिसर के अंदर आने-जाने वालों से कभी पूछताछ नहीं होती है। ऐसे में कोई भी अंदर प्रवेश कर जाता है।
विवि का मुख्य द्वार एक माह में तैयार हो जाएगा। इसके बाद मुख्य द्वार के सामने से पूरा घेर दिया जाएगा। परिसर की चारदीवारी को बनवाते हैं, लेकिन रहवासी तोड़ देते हैं। व्यवस्था जल्द ठीक कराएंगे।
प्रो. आरजे राव, कुलपति, बीयू