सोल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीइओ फोरम को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि भारत और कोरिया के संबंध प्राचीन काल से रहे हैं, जैसा की राष्‍ट्रपति पर्क ने अपने भाषण के दौरान कई बार चर्चा की है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड की फिल्‍में कोरिया में काफी लोकप्रिय है इसमें कोई शक नहीं.

नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि इससे पहले भी मैं यहां आ चुका हूं, जब मैं गुजरात का मुख्‍यमंत्री हुआ करता था. कोरिया ने दुनिया को अच्छे उत्पाद से अवगत कराया है. भारत उन चीजों को लक्ष्‍य के तौर पर पाना चाहता है जिनको कोरिया ने पहले ही हासिल कर लिया है हालांकि भारत के पास क्षमता है और हम अपने लक्ष्‍य को जल्द ही प्राप्त कर लेंगे.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने शपथ लेने के बाद से ही दिन और रात मेहनत की देश की प्रगति के लिए काम किया और कर रही है. प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरियाई निवेशकों को भारत में निवेश का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि भारत में क्षमता की कमी नहीं है. उनकी सरकार आने के बाद भारत का कारोबार का माहौल बदल चुका है. उन्होंने निवेशकों को भारत में बढ़ती एफडीआई का जिक्र करते हुए न्योता दिया.

कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र मोदी ने हुंदई मोटर के चेयरमैन सैमसंग के सीइओ सहित कई लोगों से मुलाकात की. इससे पहले आज दक्षिण कोरिया के सोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठे एशियन लीडरशिप कॉंफ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि मैं राष्‍ट्रपति पार्क और शेखा मोजह के साथ मंच साझा कर रहा हूं.

कोरिया की अर्थव्यवस्था की जितनी प्रशंसा की जाये कम है. तकनीक के क्षेत्र में भी इसने अपना लोहा मनवाया है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने जो भारत के लिए सपना देखा है वह पड़ोसी मुल्क और दूसरे देशों की सहायता के बिना अधूरा सा है. एशियाई देशों को चाहिए कि वे मिलकर आतंकिवाद के खिलाफ जंग छेड़ें. कोरिया के समाचार पत्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा को प्रमुखता देते हुए पहले पेज में स्थान दिया है.

सोमवार को सोल में भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विकास का रास्ता कठिन है, पर मैं मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूं. विकास नाम की जड़ी -बूटी से भारत ने समस्या का हल खोज लिया है. सोल के क्यूंग ही यूनिवर्सिटी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि  30-35 साल में चीन और द कोरिया विकास की राह पर चल कर पूरी तरह से बदल गये.

समस्याएं आयीं, लेकिन समाधान निकाला. हालांकि, सवा सौ करोड़ देशवासियों तक इस बात को पहुंचाना, हर एक को इससे जोड़ना एक कठिन कार्य है, लेकिन मैं विकास नाम की जड़ी बूटी लेकर चल पड़ा हूं. देश का मूड बदल रहा है. युवा परिवर्तन चाहता है. हम उस दिशा में ही लगे हुए हैं. काम के प्रति समर्पण के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार कोई भी हो, कैसी भी हो. यदि हम अपना काम करने लगे तो हिंदुस्तान को आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता.