जयपुर । कांग्रेस ने पिछले महीने अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए डिजिटल मेम्बर शिप अभियान चलाया था जिसका लक्ष्य 50 लाख सदस्य बनाने का था तय समय में लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाने की सूरत में अभियान को 15 दिन का समय और दिया गया फिर भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी अभी तक करीब 15 लाख सदस्य ही बनायें जा सके है।
एआईसीसी के आह्वान पर सभी राज्यों में कांग्रेस ने डिजिटल मेम्बरशिप कैम्पेन शुरू किया था। राजस्थान को इस अभियान में 50 लाख सदस्य बनाने का टारगेट मिला। संगठन चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस का सदस्यता अभियान बीते साल नवम्बर में शुरू हुआ था। इसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन मेम्बरशिप अभियान के जरिए 50 लाख सदस्य बनाने थे। पहले अभियान की अंतिम तिथि 31 मार्च तय की गई थी, लेकिन इस समय तक महज दो से तीन लाख सदस्य ही बन पाए थे। संगठन चुनाव प्रभारी संजय निरूपम ने अभियान की सुस्त चाल पर नाखुशी जताई। इसके बाद अभियान का समय 15 दिन और बढ़ाते हुए 15 अप्रैल तक हो गया। यह समय बढऩे के बाद भी सदस्यों की संख्या 15 लाख तक पहुंच पाई। अभियान सुस्त रहने के पीछे मुख्य कारण मंत्री-विधायकों की रुचि नहीं दिखाना था। पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने इसके मंत्री-विधायकों के विधानसभा में व्यस्त रहने का तर्क देकर पल्ला झाड़ा। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमान संभाली और 400 निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक लेकर अभियान को गति देने का प्रयास किया। ब्लॉक अध्यक्षों की मंत्री-विधायकों को लेकर शिकायतों के बाद विधायकों को दूर कर दिया। सारी कवायद के बाद भी अभियान डेडलाइन तक अंजाम नहीं पहुंच सका।
कांग्रेस डिजिटल मेम्बरशिप कैपेंन में पिछड़ी
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