नई दिल्ली : मध्य दिल्ली के एक रेस्तरां में शनिवार रात को एक वांछित अपराधी मनोज वशिष्ठ और दिल्ली पुलिस के दस्ते के बीच हुई मुठभेड़ के बारे में सामने आए सीसीटीवी फुटेज में यह खुलासा हुआ है कि दो पुलिसकर्मियों की मनोज के साथ खींचतान हुई और उसके बाद गोली लगने से वह गिर पड़ा। फुटेज की खराब गुणवत्ता से दिल्ली पुलिस का यह दावा पक्का नहीं हो पाया है कि वशिष्ठ ने पहले गोली दागी और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।

इस बीच बागपत के पुलिस अधीक्षक शरद सचान ने सोमवार को कहा है कि वशिष्ठ की मुठभेड़ में मौत के बाद ही दिल्ली पुलिस ने कथित आरोपी के बारे में जानकारी मांगी। इससे पहले किसी भी राज्य के पुलिसकर्मी ने यहां आकर उसके बारे में पूछताछ नहीं की थी।

मनोज बागपत जिले के गांव पाब्ला बेगमाबाद का रहने वाला था और नियमित रूप से यहां आता था। स्थानीय पुलिस का कहना है कि इतवार को दिल्ली पुलिस ने यहां आकर पूछताछ की थी। गांव पंचायत के पूर्व प्रधान सतीश कुमार ने बताया कि मनोज गांव के कामकाज में शामिल होने के लिए अकसर आता था।

दो हफ्ते पहले गांव के पुरा महादेव मंदिर में एक समारोह में शामिल होने के लिए वह आया था। सतीश कहते हैं कि वे यह मानने को तैयार नहीं कि मनोज अपराधी था। किसी भी राज्य का कोई पुलिसकर्मी कभी यहां उसके बारे में पूछताछ करने के लिए गांव में नहीं आया। मनोज एक कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता था। उनका कहना है कि मनोज के परिवार की गांव में अच्छी खासी प्रतिष्ठा थी।

इस बीच मुठभेड़ के बारे में सामने आए सीसीटीवी फुटेज में यह खुलासा हुआ है कि दो पुलिसकर्मियों की मनोज के साथ खींचतान हुई और उसके बाद गोली लगने से वह गिर पड़ा। यह फुटेज 29 सेकेंड का है जिसमें सादे कपड़े पहने हुए दो पुलिसकर्मियों को रात सवा आठ बजे न्यू राजेंद्रनगर क्षेत्र में सागर रत्न रेस्तरां में वशिष्ठ की ओर बढ़ते हुए दिखाया गया है। वशिष्ठ को रेस्तरां बाकी के बीचोंबीच कई लोगों के साथ बैठे हुए दिखाया गया है।

जैसे ही वशिष्ठ ने पुलिस को देखा तो खींचतान शुरू हो गई और पुलिसकर्मियों को उसे नीचे गिराने का प्रयास करते हुए देखा गया। फुटेज की खराब गुणवत्ता के बावजूद गोलियां चलने की आवाज सुनी नहीं जा सकी या उसे देखा नहीं जा पा रहा है। वशिष्ठ को जमीन पर गिरते हुए जबकि अन्य मेहमानों को रेस्तरां से भागते हुए देखा गया है।

इस बीच, वशिष्ठ की प्राथमिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि उसकी मौत उस गोली के कारण हुई जो उसके सिर में लगी थी। इस मुठभेड़ के बारे में पुलिस ने यह दावा किया था कि वशिष्ठ को उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली चलाते देख एक सिपाही ने उस पर गोली चलाई ताकि उसे रोका जा सके। लेकिन इस गोली से उसकी मौत हो गई।