मुंबई: मुंबई के केईएम अस्पताल में भर्ती अरुणा शानबाग का निधन हो गया है। यौन उत्पीड़न के बाद पिछले 42 साल से अस्पताल में कोमा में बेसुध पड़ी नर्स अरुणा शानबाग को पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया था। 66 वर्षीय अरुणा का आज सुबह लगभग आठ बजे निधन हो गया।
गौर हो कि 27 नवंबर, 1973 में हॉस्पिटल के एक ही वार्डब्वाय ने उनसे दुराचार की कोशिश की थी। साथ ही उनपर हमला भी किया था। रेप की कोशिश के बाद हमले में वह बुरी तरह जख्मी हो गई थीं। इस घटना के बाद वह कोमा में चली गई थीं। उन्हें लकवा मार गया था। उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। वह बोल भी नहीं पाती थीं।
वह निमोनिया से पीड़ित थी और पिछले तीन दिन से वेंटिलेटर पर थीं। पिछले एक महीने से वह आईसीयू में भर्ती थीं। उसके बाद से उनकी तबियत लगातार बिगड़ती चली गई। 24 जनवरी 2011 को घटना के 27 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरुणा की दोस्त पिंकी बिरमानी की ओर से यूथेनेशिया के लिए दायर याचिका पर फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अरुणा की इच्छा मृत्यु की अर्जी मंजूर करते हुए मेडिकल पैनल गठित करने का आदेश दिया। हालांकि 7 मार्च 2011 को कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया था।