उज्जैन : सिंहस्थ-2016 के पहले महाकाल के गर्भगृह की दीवारों पर चांदी चढ़ाने का काम शुरू हो गया है. दो करोड़ रुपयों की कीमत की चांदी से गर्भगृह की दीवारों को पूरी तरह से चांदी मय किया जाएगा. इसके लिए 450 किलो चांदी लगेगी. अब तक दानदाताओं की मदद से 130 किलो चांदी एकत्रित की जा चुकी है.
शंकराचार्य जगतगुरु वल्लभाचार्य की मौजूदगी में महाकाल को चांदी के 21 चोरसे अर्पित कर इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया. इसके लिए करीब दो करोड़ रुपयों की चांदी लगेगी. इसे लगाने पर भी 20 लाख रुपए से ज्यादा का खर्चा आएगा.
मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु की पहल पर महाकाल के गर्भगृह की दीवारों को चांदीमय करने के लिए देशभर से लोग चांदी दान कर रहे है. अब तक करीब 130 किलो चांदी एकत्र हो चुकी है.
महाकाल मंदिर में चांदी का यह अब तक सबसे बड़ा कार्य हाथ में लिया गया है. सिंधिया शासनकाल के दौरान चांदी का काफी सामान मंदिर को दान किया गया था. 1997 में मंदिर प्रबंधन ने अपने स्तर पर कोशिश करते हुए रुद्रयंत्र का नवीनीकरण कर इसे चांदी में मढ़ा गया. फिर गर्भगृह में विराजित मार्बल की पार्वती, गणेश एवं कार्तिकेय की प्रतिमा, ज्योतिर्लिंग की जलधारी को चांदी में बनवाया गया.
450 किलो चांदी से चमकेगा महाकाल का गर्भगृह
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