काठमांडो : योग गुरु रामदेव काठमांडो में विनाशकारी भूकंप के दौरान बाल-बाल बच गए क्योंकि लोगों को संबोधित कर वह जिस मंच से उतरे थे, वह कुछ ही देर बाद ढह गया। योग गुरु ने कहा कि उन्होंने एक बजुमंजिला इमारत को ढहते देखा और कई लोग इसके अंदर फंस गए।
रामदेव 24 से 29 अप्रैल के बीच योग शिविर के लिए अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ नेपाल की राजधानी में हैं। उनके कार्यालय से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘दुखी होकर घटना के बारे में बताते हुए रामदेव ने कहा कि मेरी आंखों के सामने एक पुरानी बहुमंजिला इमारत ढह गई और कई लोग इसके अंदर फंस गए।’’ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमने काठमांडो में रामदेव से संपर्क किया। उन्होंने संकट की इस घड़ी में वहां रहने की इच्छा जताई।’’
रामदेव के मुताबिक नेपाल में जान माल को काफी क्षति पहुंची है। उन्होंने पहली बार ऐसी प्राकृतिक आपदा देखी है और यह समझ पाने की स्थिति में वह नहीं थे कि सबसे पहले क्या करना चाहिए। बयान में आगे कहा गया है कि तुंडी खेल मैदान में दो लाख से अधिक लोग एकत्र हुए थे जो योग शिविर का आयोजन स्थल था। यह काठमांडो का सबसे बड़ा खुला क्षेत्र भी है। इन लोगों ने वहां शरण ली।
बयान में कहा गया है, ‘‘नेपाल में पतंजलि योगपीठ ने चिकित्सकों और स्वयंसेवियों के जरिए हर संभव आपात एवं राहत अभियान शुरू कर किया है। मैदान में एकत्र लोगों के लिए भोजन पकाने का कार्य बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है।’’ रामदेव ने इस मुश्किल घड़ी में नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता जाहिर की।
उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरीयता आधार पर पीड़ितों की मदद करने की अपील की। उन्होंने प्रथम पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल के उद्घाटन का कार्यक्रम और नेपाल में प्रथम आचार्याकुलम का शिलान्यास टाल दिया। फिलहाल बाबा रामदेव और उनका पतंजलि योग पीठ इस समय भूकंप पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। उनके अनुयायी पीड़ितों तक पानी और बिस्कुट पहुंचा रहे हैं।
बाल-बाल बचे रामदेव राहत कार्य के लिए नेपाल में
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