नई दिल्ली। 25 अप्रैल का दिन नेपाल के लिए काला दिन साबित हुआ। इस दिन नेपाल ने बीते 80 साल का सबसे खौफनाक भूकंप झेला। नेपाल में भूकंप की वजह से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अभी तक करीब 2000 लोगों की मौत हो गई है जबकि करीब 4800 लोग घायल हो गए हैं।
मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि अब भी मलबों में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। कई जगहों पर तो मदद पहुंची भी नहीं है। भारत भी लगातार नेपाल की मदद में जुटा है।
नेपाल में मदद के लिए भारतीय सेना की ओर से मैत्री ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अब तक 546 भारतीयों को निकाला जा चुका है। 8 एमआई हेलीकॉप्टर काठमांडू में राहत पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं। इनमें से 5 पहुंच चुके हैं। NDRF की आज भी कई टीमें काठमांडू पहुंच रही हैं। इनके अलावा पानी, दवा, डॉक्टर, खाना पीना, टेंट और मलबा साफ करने का सामान ये सब भी नेपाल भेजा जा रहा है।
नेपाल में कल भारतीय समयानुसार सुबह 11.41 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.9 दर्ज की गई। भूकंप के ये झटके दिल्ली से गुवाहाटी और श्रीनगर से जयपुर तक महसूस किए गए। यहां तक कि भूकंप के आधे घंटे बाद तक छह झटके महसूस किए गए।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने नेपाल में गुमशुदा लोगों से जुड़ी जानकारी के लिए ये हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं 011-26701728, 011-26701729, 09868891801 काठमांडू स्थित भारतीय एंबेसी का हेल्पलाइन नंबर है