मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा हवाई यात्रियों के लिए बनाए गए नियम को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार को खत लिखा है. इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार ने जो हवाई यात्रियों के लिए नियम बनाए हैं, वो केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी से अलग हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को खत में कहा कि देशभर में एक ही गाइडलाइन हो ताकि हवाई यात्रियों को परेशानी ना हो. खत में कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइन को अमल में लाया जाए. स्वास्थ्य सचिव ने अपने खत में लिखा, 'महाराष्ट्र सरकार की गाइडलाइन भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी और दिशा-निर्देशों के विपरीत है. इसलिए मैं आपसे राज्य की ओर से जारी किए गए आदेशों को भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के जैसा करने का अनुरोध करता हूं, ताकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिशा-निर्देशों का एक समान कार्यान्वयन किया जा सके.' दरअसल ये चिट्ठी तब लिखी गई, जब विदेश से आने वाले यात्रियों को लेकर नई गाइडलाइन एक दिसंबर से प्रभावी हुई है. महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन से अलग अपनी गाइडलाइन तैयार की थी. इसमें मुंबई हवाई अड्डे पर सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का आरटीपीसीआर परीक्षण जरूरी किया गया है. सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 14-दिन होम क्वारंटीन रहना जरूरी है. आरटीपीसीआर टेस्ट निगेटिव हो तब भी होम क्वारंटीन जरूरी है. दूसरे राज्यों से महाराष्ट्र आने वाले घरेलू यात्रियों के लिए यात्रा की तारीख से 48 घंटे पहले नेगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी है. खत में कहा गया कि ये नए नियम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए दिशा-निर्देशों से अलग हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने हवाई यात्रियों के लिए बनाए अलग नियम- स्वास्थ्य मंत्रालय
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