बूंदी। बूंदी सीजेएम न्यायालय ने राजपरिवार की संपति को लेकर चल रहे मामले में संज्ञान लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एंव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेन्द्र सिंह, पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथसिंह हाङा और जितेन्द्र सिंह के ससुर बिजेन्द्र सिंह को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है। फैसले के सबंध में फरियादी अविनाश चांदना के अधिवक्ता प्रकाश चन्द भण्डारी ने बताया की दिल्ली निवासी अविनाश चांदना और पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह के बीच राजपरिवार की संपत्ति को लेकर सीजेएम न्यायालय में मामला चल रहा था।
इस दौरान भंवर जितेन्द्र सिंह की ओर से उनके द्वारा राजपरिवार की संपत्ति की देखरेख के लिए बनाई गई आशापुरा माता ट्रस्ट को संपत्ति का मालिक बताते हुए, इसे सिविल न्यायालय का मामला बताये जाने से कोतवाली पुलिस ने उक्त मामले में एफआर लगाकर मामले का पटाक्षेप कर दिया था। जिसके विरोध में अविनाश चांदना की ओर से उक्त मामले में सीजेएम न्यायालय में अपील की गई थी। जिस पर सीजेएम न्यायालय ने सुनवाई करते हुए मामले में भंवर जितेन्द्र सिंह, पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथसिंह हाङा और जितेन्द्र सिंह के ससुर बिजेन्द्र सिंह को गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है। फर्जी डीड के आधार पर आशापुरा माता ट्रस्ट बनाने का दोषी मानते हुए तीनों को गिरप्तारी वारंट से ललब किया है। गौरतलब है की बूंदी राजपरिवार के अंतिम वारिस महाराज कुमार रणजीतसिंह ने 2010 में निधन से पूर्व राजपरिवार की अपने हिस्से की संपत्ति अपने दिल्ली निवासी मित्र अविनाश चांदना के नाम कर दी थी। जिसका उनके भांजे भंवर जितेन्द्र सिंह द्वारा विरोध करते हुए राजपरिवार की संपत्ति आशापुरा माता ट्रस्ट की होने की बात कही थी। जिसके बाद उक्त मामले में संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद के दौरान कोतवाली पुलिस ने उक्त मामले मे एफआर लगा दी थी। जिसे अविनाश चांदना की ओर से चुनौती दिए जाने से सीजेएम न्यायालय में मामले के आने के बाद सीजेएम न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह, पूर्व जिला प्रमुख श्रीनाथसिंह हाङा और जितेन्द्र सिंह के ससुर बिजेन्द्र सिंह को फर्जी डीड के आधार पर संपत्ति को हड़पने के लिए आशापुरा माता ट्रस्ट बनाने का दोषी मानकर उन्हें गिरफ्तारी वारंट से तलब किया है।
संपति मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ वारंट
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