शिमला । हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा और 1 लोकसभा सीट के उपचुनाव में हार के बाद से भाजपा लगातार मंथन में जुटी है। यही नहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार और सिरमौर जिले के अध्यक्ष पवन गुप्ता ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच पार्टी ने अंतर्कलह और अनुशासनहीनता रोकने के लिए 24 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अनुशासनहीनता को रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
शिमला में चल रही तीन दिवसीय बैठक में अनुशासनहीनता का मुद्दा छाया रहा। इसके अलावा भीतरघात को पार्टी की हार की अहम वजह माना गया है। सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल समेत पार्टी के सभी सीनियर नेताओं ने माना कि कुछ लोगों की गतिविधियां पार्टी विरोधी थीं। उनके चलते वोट कटे और उसका नतीजा हार के तौर पर सामने आया है। इस बैठक में राज्य के प्रभारी अविनाश राय खन्ना के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्योदान सिंह भी हिस्सा ले रहे हैं।
बैठक में उपचुनाव की हार को लेकर मंथन हो रहा है और जरूरी होने पर सरकार से लेकर संगठन तक में बदलाव भी किए जा सकते हैं। इस बारे में एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएगी। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा बैठक में इस बात का संज्ञान लिया गया है कि कुछ नेताओं की भीतरघात के चलते नुकसान पहुंचा है। इन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी तिया जाएगा। यही नहीं संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एक्शन भी लिया जा सकता है।
यही नहीं, शर्मा ने खुले तौर पर स्वीकार किया है कि उपचुनाव के नतीजे भाजपा की आंखें खोलने वाले हैं और इससे निपटने के लिए रणनीति बनानी होगी, ताकि 2022 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की जा सके। यही नहीं, उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय की ओर से सरकार और संगठन में बड़े फेरबदल पर भी मुहर लग सकती है।
भितरघात से उपचुनाव में हुई हार, हिमाचल में भाजपा ने 24 नेताओं को जारी किया कारण बताओ नोटिस
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