मथुरा। ब्रज के पुष्टिमार्गीय मंदिरों में रविवार की अर्धरात्रि कान्हा ने जन्म लिया, तो हजारों नयन कृपानिधान की लीला देख धन्य-धन्य हो उठे। चारो ओर उल्लास छा गया और नंद को बधाई दी जाने लगीं। द्वारिकाधीश मंदिर में तो लाला का छीछी प्रसाद पाने के लिए आपाधापी मच गई। गोकुल में भी गोपाल के जन्म लेते ही श्रद्धालु भक्ति भाव से सराबोर हो नाचने और बधाइयां देने लगे।
ब्रज के पुष्टिमार्गीय मंदिरों में रविवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। जन्म से पहले मंदिरों में भजन-कीर्तन के स्वर शाम से ही झंकृत होते रहे। वाद्य यंत्रों पर श्रद्धालु आगत के आगमन की आकांक्षा में इतने मदमस्त हो रहे थे कि व्यवस्थापकों व पुलिस को व्यवस्था संभालने में पसीना छूट गया। यही स्थिति गोकुल में रही। यहां गुजराती यात्री ज्यादा संख्या में थे, लेकिन अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी जमे हुए थे। पारंपरिक रूप से यहां भी कान्हा का जन्म की लीला हुई।
जन्मभूमि में पुष्पांजलि आज
श्रीकृष्ण जन्मस्थान के रंगमंच पर सोमवार प्रात: नौ बजे पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन होगा। भक्ति संगीत, पदगान कार्यक्रम कीर्ति किशोरी करेंगी। महंत नृत्यगोपाल दास एवं संत कािर्ष्ण गुरु शरणानंद के सानिध्य में भगवान कृष्ण को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।
सायं पांच बजे योगीराज श्रीकृष्ण की शोभायात्रा निकाली जाएगी, आधी रात को प्रभु का जन्मोत्सव होगा। वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में सोमवार आधी रात कान्हा जन्मेंगे।