नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की क्लाइमेट साइंटिस्ट, स्वप्ना पनिकल ने कहा कि, समुद्र में बनने वाले ज्वार और अन्य गतिविधियां, अति जोखिम वाली समुद्रीय घटनाओं में बढ़ोतरी की संभावना को दर्शाती है. जलवायु परविर्तन पर संबंधित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि, आंकड़े दर्शाते हैं कि 1870 की शुरुआत से मुंबई के तट पर इन समुद्रीय घटनाओं में वृद्धि हुई है.