बाड़मेर। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी का अंदेशा बढ़ गया है, जिसके बाद से लगातार भारत सरकार के खूफिया तंत्र ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रहने की निर्देश दिए हैं। और केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियां लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली मादक पदार्थों तस्करी की रोकथाम को लेकर लगातार जमीनी स्तर पर काम करने में जुट गई है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर सैन्य बलों की सख्ती के बाद पाक ड्रग माफियाओं ने सबसे शांत कही जाने वाली देश की पश्चिमी सीमा को ड्रग तस्करी का अपना नया रूट बना लिया है। बाड़मेर जिले से लगती अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर पिछले कुछ सालों में हेरोइन की तस्करी के कई मामले सामने आए है। साथ ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने हेरोइन जब्त करने के साथ ही कई अंतरराष्ट्रीय तस्करों को भी भारत-पाक बॉर्डर पर गिरफ्तार किया था और अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद में अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है।
भारत सरकार के खुफिया तंत्र में सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। देश की पश्चिमी सीमा पर स्थित बाड़मेर जिले में अपराध स्थिति समीक्षा करने पहुंचे सीआईडी क्राइम ब्रांच आईजी वीके सिंह ने बताया कि भारत सरकार इस पूरे मामले को लेकर सजग हैं और उन्होंने पुलिस को भी अलर्ट किया है। साथ ही इन सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगातार खुफिया तौर पर कार्रवाही चल रही है, जिसको पब्लिकली नहीं बताया जा सकता। हाल ही में गुजरात में भी एनडीपीएस की कई बड़ी खेप पकड़ी गई है और केंद्र और राज्य सरकार की सुरक्षा एजेंसियां इस पर संयुक्त रूप से काम कर रही है। एटीएस और एसओजी की भी गतिविधियों को बढ़ाया गया है साथ ही उनकी कई इलाकों में नई ब्रांच अभी खोली जा रही है। दुनिया भर में 80 फीसदी से ज्यादा हेरोइन का उत्पादन अफगानिस्तान में ही होता है। अंतरराष्ट्रीय तस्कर पाकिस्तान के सिंध इलाके से होते हुए गुजरात के रण ऑफ कच्छ और पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले से लगती भारत-पाक सीमा को तस्करी का नया रूट बनाने में जुटे हुए है।
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के बाद मादक पदार्थों की तस्करी का अंदेशा बढा
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