कोरोना वायरस महामारी के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व काफी बढ़ गया है। बीमारियों के कारण होने वाले खर्चों को सही तरह से मैनेज करने में एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस हमारी काफी सहायता करता है। बीमा कवरेज न होने के कारण कई परिवारों को बमारी से इलाज में आर्खिक नुकसान झेलना पड़ता है। किसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की पूरी और सही जानकारी को हासिल करके आप उसका सबसे अधिक और बेहतर लाभ उठा सकते हैं। कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि लोगों को बीमारी के समय अपने हेल्थ इंश्योरेंस को क्लेम करने में काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है।
हेल्थ इंश्योरेंस को क्लेम करने की प्रक्रिया या तो कैशलेस लेनदेन के जरिए की जाती है या फिर इसे मेडिकल क्लेम भरपाई यानी रीम्बर्समेंट के जरिए भी क्लेम किया जा सकता है। रीम्बर्समेंट की प्रक्रिया में पॉलिसी धारक इलाज पर होने वाला खर्च खुद से करता है, और बाद में उसे भरपाई के लिए क्लेम किया जाता है। कैशलेस क्लेम के मुकाबले, मेडिकल क्लेम भरपाई की प्रक्रिया में थोड़ा समय लगता है।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर के CEO और फाउंडर और सीईओ पंकज मठपाल के अनुसार, "रीम्बर्समेंट क्लेम करने के लिए डॉक्टर की पर्ची (prescription) जरूरी है। उसके बाद आपके पास हॉस्पिटल का एडमिट और डिस्चार्ज कार्ड का होना भी जरूरी है। इसके साथ ही इलाज के समय डॉक्टरों की रिपोर्ट, दवाइयों का बिल और जांच में लगे खर्चों का बिल होना भी जरूरी है।"
अगर आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम करना चाहते हैं तो, इसके लिए आपको कुछ प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होगा। अगर आप अस्पताल में भर्ती होते हैं, या फिर आपका उपचार शुरू हो चुका है तो, आपको जल्द से जल्द अपनी बीमा कंपनी को इसके बारे में सूचित करना होगा। आपात स्थिति होने पर आप अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी अपनी बीमा कंपनी को सूचित कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको भरपाई का दावा करने के लिए, हॉस्पिटल से मिली ओरिजनल डिस्चार्ज कॉपी, सही तरह से भरा गया क्लेम फॉर्म, एक्स-रे रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट जैसे दस्तावेज, दवाइयों का बिल, KYC दस्तावेजों की कॉपी और NEFT के लिए बैंक की डिटेल जैसी कुछ जरूरी जानाकारियां मुहैया करानी होती हैं।
इसके साथ ही बीमाकर्ता को जमा करने से पहले अपने सभी दस्तावेजों को सावधानीपूर्वक जांच भी कर लेना चाहिये। साथ ही आपको भरपाई के दावे के लिए बीमाकर्ता को भेजे जा रहे सभी दस्तावेजों की प्रतियां भी अपने पास रखना जरूरी है। दावा जमा करने से पहले दस्तावेजों की जांच करना जरूरी है क्योंकि बीमाकर्ता को अपर्याप्त या गलत दस्तावेज जमा किए जाने पर आपका दावा खारिज किया जा सकता है।