भोपाल । वीआईपी नंबरों के शौकीनों के लिए प्रदेश सरकार एक तोहफा लेकर आई है। वाहन मालिक अपनी पुरानी गाड़ी का वीआईपी नंबर गाड़ी खराब होने के बाद भी रख सकेंगे। इस नंबर को वे अपनी नई गाड़ी पर दर्ज करवा सकेंगे। हालांकि यह नंबर उन लोगों को महंगा पड़ेगा, जिन्होंने नीलामी में ऊंची बोली लगाकर नंबर लिया था। वाहन मालिक को नई गाड़ी पर पुराना वीआईपी नंबर लेने के लिए भी उतनी ही कीमत चुकाना पड़ेगी, जितने में पहले उसने नंबर खरीदा था।
प्रदेश में लंबे समय से इस संबंध में मांग की जा रही थी कि ऊंची कीमत पर वीआईपी नंबर खरीदने वाले लोगों को वो नंबर गाड़ी के खराब हो जाने के बाद नई गाड़ी पर दिए जाने की व्यवस्था की जाए। पंजाब, हरियाणा सहित कुछ राज्यों में ऐसी व्यवस्था लागू है। इसे देखते हुए परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने कुछ समय पहले इस व्यवस्था को लागू करने की घोषणा की थी। इसे लेकर हाल ही में परिवहन मंत्रालय ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस पर दावे-आपत्तियों की सुनवाई के बाद जल्द ही प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
अधिकतम बोली की राशि चुकाना होंगे
आदेश के मुताबिक वीआईपी नंबर ट्रांसफर करवाने के लिए यह जरूरी होगा कि पहले जिस व्यक्ति के नाम पर गाड़ी थी, नई गाड़ी भी उसके ही नाम पर हो। इसके बाद वाहन मालिक को वीआईपी नंबर ऑनलाइन नीलामी से या उससे पहले लागू व्यवस्था 'पहले आओ-पहले पाओÓ की तरह लिए गए नंबर के लिए जो कीमत चुकाई थी उसमें नीलामी की राशि या 15 हजार रुपए जो राशि ज्यादा हो वह चुकाना होगी। इसके साथ ही पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी के लिए तब ही मिलेगा, जब वाहन मालिक शासन की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत वाहन को स्क्रैप करवाने के बाद पंजीयन निरस्त करवाएगा और स्क्रैप का सर्टिफिकेट जमा करवाएगा। इसके बिना पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
अपने पुराने नंबर के लिए दोबारा चुकाना पड़ेगी नीलामी की राशि
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