गाजियाबाद । देश के सबसे प्रदूषित शहरों में एक गाजियाबाद में रोजाना चार से पांच हजार मरीज सांस की बीमारी के आ रहे है। इसमें 300 से 400 लोग अस्पताल में रोजाना भर्ती होने को मजबूर हैं। अकेले गाजियाबाद के जिला अस्पताल में ऐसे करीब तीस प्रतिशत मरीज बढ़े है जो सांस की बीमारी से परेशान हैं। किसी की सांस फूल रही है तो किसी को आंखो में जलन में हो रही है। किसी में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। खासकर अस्थमा और ह्रदय के मरीज का हाल ज्यादा बुरा है। जब ऐसे मरीज अस्पताल में आ रहे है तो डॉक्टरों पर काफी दवाब भी पड़ा है। पहले ही सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है ऐसे में हालात नहीं सुधरे तो स्थिति बेकाबू होने में देर नहीं लगेगी।  प्रदूषण की मार बच्चों पर ज्यादा पड़ी है। कई बच्चे अस्पातल में इलाज के लिए आ रहे हैं। हालात को जल्द संभालना जरूरी है।
 गाजियाबाद की 38 लाख आबादी में 8 से 10 प्रतिशत लोगों पर प्रदूषण का असर है लिहाजा इसी को देखकर इससे निपटने की पुख्ता तैयारी करनी होगी अन्यथा हालात बदतर होने में देर नहीं लगेगी।