भोपाल । मध्यप्रदेश का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला विश्वस्तरीय मॉडल स्टेशन है, जहां अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की तर्ज पर यात्रियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इस स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया और आज के दिन को भोपाल, मध्यप्रदेश और देश के लिए अहम बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सपने किस तरह सच होते हैं भारतीय रेलवे इसका उत्तम उदाहरण बन रहा है। छह-सात साल पहले जिसका पाला रेलवे से पड़ता था वह इसे कोसते हुए ही नजर आता था। स्टेशनों पर गंदगी, ट्रेनों की लेटलतीफी, स्टेशनों पर बैठने और खाने पीने की असुविधा, सुरक्षा की भी चिंता व दुर्घटना का डर जैसी समस्याएं थीं।
गोंडवाना के गौरव से जुड़ा भारतीय रेल का गौरव
प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का केवल कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि किन्नौरगढ़ की रानी कमलापति का इससे नाम जुडऩे से इसका महत्व और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेल का गौरव भी जुड़ गया है। यह सब ऐसे समय में हुआ है जब आज देश जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। मैं सबको इसकी बधाई देता हूं। पीएम ने कहा आज का दिन देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास और वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है। भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक है। कितना उज्जवल है। इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस भव्य रेलवे स्टेशन में जो भी आएगा, उसे दिखाई देगा। भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी का नाम जुडऩे से इसका महत्व और बढ़ गया है। 6 साल पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेल से पड़ता था, वो भारतीय रेल को ही कोसते हुए ज्यादा नजर आता था। स्टेशन पर भीड़ भाड़ गंदगी। खाने-पीने की असुविधा। ट्रेन में गंदगी। सुरक्षा की भी चिंता रहती थी। लोग चेन लेकर बैग में ताला लगाते थे। दुर्घटना का भी डर रहता था।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को देश का सर्वश्रेष्ठ स्टेशन
लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को देश का सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि स्टेशनों में स्टेशन, रानी कमलापति स्टेशन। उन्होंने कहा कि भोपाल मेट्रो को रानी कमलापति स्टेशन से इंटीग्रेट किया जाएगा। इस स्टेशन की खासियत यह है कि यहां एंटर होते ही एयरपोर्ट जैसा फील आएगा। यहां पर एक साथ करीब 2000 लोग एक साथ बैठ सकेंगे। मॉडर्न टॉयलेट, क्वालिटी फूड, म्यूजियम और गेमिंग जोन की भी यहां सुविधा है। स्टेशन पर जल्द ही स्पा भी खुलेगा।
मध्यप्रदेश की दिखेगी झलक
इस रेलवे स्टेशन में मध्यप्रदेश के पर्यटन और दर्शनीय स्थलों, जैसे भोजपुर मंदिर, सांची स्तूप और भीमबैठका के चित्र प्रदर्शित होंगे। स्टेशन के मेन गेट के अंदर दोनों ओर की दीवारों पर भील, पिथोरा पेंटिंग्स भी होंगे। जनजातीय शिल्पकला पेपरमेशी से बनाए गए जनजातीय मुखौटे को मुख्य गेट के सामने की वॉल पर लगाया गया है। फस्र्ट फ्लोर पर टूरिस्ट इंफॉर्मेशन लाउंज में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन इंस्टॉल की गई है, जिससे यात्रियों और पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों की संपूर्ण जानकारी मिल सकेंगी।
रोजाना 40 हजार यात्रियों का ट्रैफिक
जर्मन हेडलबर्ग रेलवे स्टेशन की तरह री-डेवलप किए गए रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर रोजाना 40 हजार यात्रियों का आना-जाना होगा। हबीबगंज में रोजाना करीब 40 जोड़ी ट्रेनों को स्टॉपेज दिया जाएगा। कोविड से पहले तक यहां हर रोज 54 जोड़ी ट्रेनों का संचालन होता था। करीब 25 हजार लोगों की आवाजाही हो रही थी। फिलहाल अभी 22 जोड़ी ट्रेनों का संचालन हो रहा है।
अंडरग्राउंड सब-वे से एक साथ गुजरेंगे 1500 यात्री
रानी कमलापति स्टेशन पर आने वाले करीब 1500 यात्री एक साथ अंडरग्राउंड सब-वे से गुजर सकेंगे। स्टेशन में ऐसे दो सब-वे बनाए गए हैं। भीड़ के दबाव को भी कम किया जा सकेगा। स्टेशन में एक नंबर प्लेटफार्म की तरफ से एंट्री ग्लास डोम वाले चमचमाते गेट से होगी। एक प्लेटफॉर्म पर एक समय पर 2 हजार यात्री ट्रेनों का इंतजार कर सकेंगे। 36 मीटर ऊंची बिल्डिंग में 2000 से अधिक यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। पैसेंजर सेग्रीगेसन की सुविधास्टेशन को पैसेंजर सेग्रीगेसन प्रिंसिपल पर डिजाइन किया गया है। इसका मतलब है कि यहां यात्रियों के आने और जाने की व्यवस्था अलग-अलग रखी गई है, जिससे स्टेशन पर भीड़ न हो और किसी को कोई परेशानी भी न आए।