बिलासपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 23 वीं कड़ी का प्रसारण आज 14 नवम्बर को किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने लोकवाणी में उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल विषय पर प्रदेशवासियों से बात की। मुख्यमंत्री श्री बघेल की उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल विषय पर आयोजित मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को बिलासपुर जिले के नागरिकों, महिलाओं और बच्चों ने भी उत्साह पूर्वक सुना।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी में ’’उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल’’ विषय पर प्रदेशवासियों से चर्चा की। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर प्रसारित इस कड़ी की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। पंडित नेहरू का जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते हैं। वे देश की नई पीढ़ी को अपने विश्वास की छत्रछाया में पनपते देखना चाहते थे। पंडित नेहरू को नई पीढ़ी पर अटूट भरोसा था।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं चाहूंगा कि आप लोग पंडित नेहरू की जीवनी और उनके कार्यों के बारे में पढ़ें, जानें और उन्हें अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें। पंडित नेहरू ने नये और आधुनिक भारत की नींव रखी, उन्होेंने भारी कल-कारखानों, बांध, विज्ञान और तकनीक की शिक्षा के लिए आधुनिक संस्थानों की स्थापना की। आज इन्हीं संस्थाओं में हमारे देश के नौनिहालों का भविष्य संवर रहा है और देश तथा दुनिया को बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर और विशेषज्ञ मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ’’उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल’’ विषय पर कहा कि हमने आजीविका को मजबूत करने और जनता के हाथों में स्वाभिमान से लेकर आर्थिक ताकत सौंपने की जो रणनीति अपनाई, वही छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में हमारी पहचान बनी है। हमने दिखावटी विकास की दौड़ से अपने आपको अलग रखा और बुनियादी बातों पर ध्यान दिया, जिससे प्रदेश में आजीविका और जीवन स्तर उन्नयन के स्थाई साधनों का निर्माण हो रहा है। शुरुआती मंदी का समय रहा हो या बाद में कोविड के लॉकडाउन का संकट, हमने विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के जरिए किसानों, वन आश्रितों, मजदूरों, महिला समूहों और युवाओं की जेब में जो 80 हजार करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से डाले उस राशि को हमारे भाइयों-बहनों और युवा साथियों ने तिजोरी में बंद करके नहीं रखा बल्कि उससे नए-नए काम किए, अपनी जरूरत की खरीदी की। इस तरह आप सबने मिलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की तरलता को बनाए रखा। इस तरह से प्रदेश में नए-नए तरह के काम-धंधे भी चले और परंपरागत कौशल, परंपरागत रोजगार के अवसरों को नई दिशा भी मिली।
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में मेट का काम कर रही बहनों की सराहना करते हुए कहा कि आपकी दृढ़ इच्छा-शक्ति के कारण आपके गांव में स्थाई महत्व के काम भी हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गांव खुशहाल होंगे तभी शहर में समृद्धि आएगी। छत्तीसगढ़ के विकास का यही रास्ता है। छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का यही पैमाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विकास के परम्परागत मॉडल, पंडित नेहरू के आधुनिक मॉडल, श्रीमती इंदिरा गांधी के दृढ़ इच्छाशक्ति के मॉडल और श्री राजीव गांधी के टेक्नॉलाजी से बदलाव के मॉडल के प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी की तस्वीर बदलने, गांवों में नए संसाधनों से, नई तकनीक से खेती करने और परंपरागत आजीविका में सुधार की जो पहल की गई उनको सफलता मिली अब गांव-गांव से खेती के नए तरीकों की खबरें आ रही हैं।उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़िया अभिमान और स्वाभिमान को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए। हरेली, तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस और छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश से जनजीवन में सकारात्मक संदेश पहुंचा है। छत्तीसगढ़ आज भी कृषि की बहुलता वाला प्रदेश है, यहां की माटी में नई फसल के साथ दान का महत्व भी समाहित है, इसलिए छेरछेरा पुन्नी-शाकंभरी जयंती के लिए अवकाश की घोषणा की गई है। उन्होंने लोकवाणी में देवउठनी एकादशी, नामदेव जयंती, गुरुनानक जयंती, श्रीमती इंदिरा गांधी जयंती, डॉ. सैय्यदना साहब की जयंती पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ सर्वधर्म समभाव का गढ़ बना रहे। कोई भी समाज विरोधी तत्व हमारे प्रदेश के सद्भाव की ओर बुरी नजर से देख भी न पाए, इसके लिए मैंने प्रशासन को सचेत किया है। साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को हम किसी भी हालत में न तो नजरअंदाज करेंगे और न ही बख्शेंगे। सामाजिक समरसता और सभी धर्मों में एकता हमारी ताकत है और उसे बनाए रखने के लिए, हम सबको मिल जुलकर प्रयास करना है।
लोकवाणी की इस कड़ी को बिल्हा विकासखंड के ग्राम सेंदरी में सभी ग्रामीणों ने तन्मयता पूर्वक सुना। इनमें सरपंच श्री अक्तिराम भारद्वाज, पंच श्री भरतलाल यादव, श्री छोटे लाल यादव, श्री सुरेश साहू, श्री राजकुमार साहू, श्री मंगल राम प्रजापति, श्री फूल सिंह भारद्वाज, श्री महेंद्र एवं अन्य ग्रामीण शामिल हैं। सभी ने लोकवाणी की इस कड़ी को बेहद उपयोगी बताया।
सामाजिक समरसता और सभी धर्मों में एकता हमारी ताकत - मुख्यमंत्री बघेल
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