जम्मू-कश्मीर : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने विधानसभा में यह कहा है कि कश्मीरी पंडितों के घाटी में पुनर्वास के लिए अलग से कॉलोनियां नहीं बनायी जायेंगी. उन्होंने अपने बयान में कहा कि मैंने केंद्रीय गृहमंत्री को बता दिया है कि कश्मीरी पंडित घाटी में अलग से नहीं रह सकते और उन्हें समाज में साथ रहना होगा. उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय मुद्दा है और इसे लेकर विवाद नहीं उत्पन्न करना चाहिए, हम एक और इजराइल नहीं बनाना चाहते हैं. हम यह चाहते हैं कि सभी धर्म के लोग साथ-साथ रहें. मुफ्ती ने कहा कि हम यह प्रयास कर रहे हैं कि घाटी में धर्मनिरपेक्ष माहौल कायम हो, अत: इस मामले को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए.
मुफ्ती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए जम्मू-कश्मीर और केंद्र दोनों जगहों पर चुनी हुई सरकार है और मुझे ऐसा लगता है कि सरकारें निर्णय लेने में सक्षम हैं. पाकिस्तान का राग अलापने वाली अलगाववादी शक्तियों की सलाह हमें नहीं चाहिए.
कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कहा कि कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास भाजपा और पीडीपी दोनों पार्टियों की जिम्मेदारी है, दोनों ने इस बारे में लोगों से वादा किया है और इसमें जो बाधाएं आयेंगी, उनका निपटारा हो जाना चाहिए. चाको ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता है कि पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप की बात कही गयी है.
गौरतलब है कि पिछले दिनों गृहमंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री से मिले थे और उसके बाद उन्होंने यह बयान दिया था कि उन्हें मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे कश्मीरी पंडितों के लिए टाउनशिप बनाने हेतु अलग से जमीन उपलब्ध करायेंगे.