उत्तराखंड |अपनी स्थापना के 21 वर्ष पूरे कर रहा है। यह देवभूमि प्राचीन काल से ही ऋषियों की तपोस्थली रही है। साथ ही योगनगरी के रूप में समूचे विश्व को आकर्षित करती रही है। तप और त्याग का मार्ग दिखाती हिमालय की इस तपोभूमि के लिए पृथक राज्य निर्माण का सपना अटल बिहारी वाजपेयी ने पूरा किया था। समृद्ध उत्तराखंड के अटल जी के स्वप्न को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश सकार गंभीरतापूर्वक कार्यरत है। यह प्रधानमंत्री के दिशानिर्देशन का ही परिणाम है कि उत्तराखंड आज तेजी से विकसित होने वाले राज्यों की श्रेणी में आ गया है।
पिछले दिनों केदारनाथ में केदारपुरी के पुनर्निर्माण कार्यो और वहां आदि शंकराचार्य की भव्य मूर्ति के अनावरण के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आने वाला दशक उत्तराखंड का है।’ मुङो विश्वास है कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण और उत्तराखंड के उत्तरोत्तर विकास के प्रधानमंत्री के सपने को निश्चित समय सीमा के भीतर पूरा करने में हम पूरी तरह सफल होंगे। हमारी सरकार का उद्देश्य प्रदेश को एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करना है। प्रदेश सरकार की नीतियों और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड आर्थिक विकास दर से लेकर प्रति व्यक्ति आय तक के मामले में राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने में सफल रहा है। प्रदेश विकास के प्रत्येक मानक के मामले में देश का अग्रणी राज्य रहे, इसके लिए सरकार राज्य के विकास का 10 वर्षो का रोडमैप तैयार कर रही है।
अटल जी का मानना था कि संपर्क का विकास से सीधा रिश्ता है। उनकी इस अवधारणा को प्रधानमंत्री के दिशानिर्देशन में प्रदेश सरकार मूर्त रूप प्रदान करने में जुटी है। साल 2013 में आई भीषण आपदा के बाद सबसे बड़ी चुनौती केदारपुरी के पुनर्निर्माण की थी। इस त्रसदी में केदारनाथ के 23 हेक्टेयर क्षेत्र में से करीब 12-13 हेक्टेयर बाढ़ में बह गया था, लेकिन प्रधानमंत्री के विजन और मार्गदर्शन में केदारपुरी का मास्टर प्लान इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे इसकी भव्यता और निखरेगी। 225 करोड़ रुपये की लागत से इसका पहला चरण पूरा हो चुका है।
उत्तराखंड में परिवहन, कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। देहरादून एयरपोर्ट की क्षमता में विस्तार किया गया है और राज्य में हेली सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए एविएशन टबरे फ्यूल में 18 प्रतिशत की छूट दी गई है। चारधाम की यात्र को सुगम बनाने के लिए आल वेदर रोड के निर्माण का काम भी प्रगति पर है। वर्षो से लंबित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर भी काम शुरू है। हाल में देश ने कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य पूरा किया है। प्रदेश में भी वैक्सीन की पहली डोज सभी को लगाने का काम पूरा कर लिया गया है। इससे पहले कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करते हुए उसे मजबूत बनाने के साथ आयुष्मान योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया। आयुष्मान योजना में अब तक साढ़े तीन लाख लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई है, जिस पर 460 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।
कोविड महामारी ने प्रदेश में रोजगार की स्थिति को भी बुरी तरह प्रभावित किया। पर्यटन क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार का नुकसान हुआ, लेकिन हमारी सरकार ने युवाओं के लिए कई फैसले लिए। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकारी विभागों में उपलब्ध लगभग 24 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। युवाओं को समूह ‘ख’ और ‘ग’ की परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम आयु सीमा में एक साल की छूट भी दी गई है। महिलाएं हमारे प्रदेश के विकास का आधार हैं। हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्हें भूमि का हक प्रदान किया गया है। अब हम मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए कर्ज उपलब्ध कराने में आसानी होगी तथा उन्हें योजना के तहत 30 प्रतिशत अथवा एक लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ प्रदेश की प्रत्येक महिला को मिलेगा।
प्रदेश की जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब तक करीब 15 लाख घरों तक जलापूर्ति शुरू की जा चुकी है। सभी घरों को दिसंबर 2022 तक पेयजल योजना से जोड़ दिया जाएगा। हर घर रोशनी योजना के जरिये घर-घर बिजली पहुंचाने का काम किया है। सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी जोर दे रही है। कक्षा नौ से 12 तक के सभी वर्गो के छात्रों को भी अगले वर्ष से निशुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। राजकीय विद्यालयों के कक्षा 12 के 100 टापर्स को पांच साल तक उच्च शिक्षा की तैयारी के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
पर्यटन हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन कोविड के दौरान सर्वाधिक चोट इस क्षेत्र को पहुंची। कई योजनाओं के जरिये इस क्षेत्र के प्रभावित कारोबारियों को फिर से काम शुरू करने के अवसर दिए गए हैं। इस क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार का 200 करोड़ रुपये का पैकेज संजीवनी साबित हुआ। हम उत्तराखंड को उसकी रजत जयंती के अवसर पर देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहते हैं। उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि केंद्र व राज्य सरकार के लिए सैनिकों और उनके परिजनों का कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता पर है।