नई दिल्ली । लोकसभा की तीन और विधानसभा की 30 सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस अब आगे की रणनीति बनाने में जुट गई है। उपचुनावों के परिणाम के मद्देनजर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को सभी चुनावी राज्यों के प्रभारी और राज्य के प्रदेश अध्यक्षों से पार्टी की हार और जीत की समीक्षा रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, 30 अक्टूबर को 14 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में उपचुनाव हुए थे, जिसके नतीजे 2 नवंबर को घोषित किए गए। कांग्रेस पार्टी ने चुनावी राज्यों के प्रभारी व अध्यक्ष से आठ बिंदुओं पर हार व जीत की समीक्षा रिपोर्ट मांगी गई है। ये आठ बिंदू हैं- उपचुनाव के कारण, उम्मीदवारों का चयन, अभियान और रणनीति, गठबंधन का प्रभाव, अन्य विपक्षी दलों का प्रभाव, उपचुनाव के परिणाम का उस राज्य की राजनीति पर प्रभाव, कांग्रेस के चुनाव परिणामों की समीक्षा और चुनाव परिणामों का कोई अन्य कारण (यदि कोई हो)। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस पार्टी समीक्षा करेगी और आगे की रणनीति तैयार करेगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हिमाचल प्रदेश में हाल के उपचुनावों में कांग्रेस ने एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों सहित सभी सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, कांग्रेस ने राजस्थान के उपचुनाव में धारियावाड़ और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में एक-एक विधानसभा सीट जीती है। कर्नाटक में भले ही भाजपा की सरकार है मगर कांग्रेस ने हंगल विधानसभा सीट जीत ली है, जो यह सीट मुख्यमंत्री का गढ़ मानी जाती है। हालांकि, असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, मेघालय और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। असम में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बुरी तरह हार गई। दूसरी ओर, भाजपा ने इन राज्यों में काफी बेहतर प्रदर्शन किया। बिहार में विपक्षी एकता दांव पर थी, क्योंकि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पहले गठबंधन में चुनाव लड़ा था मगर उपचुनाव में अलग-अलग लड़े थे। उपचुनाव में दोनों सीटों पर सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) ने जीत हासिल की।