शिमला । हिमाचल प्रदेश में चारों उपचुनावों में भाजपा को पराजय का मुंह देखना पड़ा। भाजपा सरकार ने इस पराजय से घबरा कर पेट्रोल- डीज़ल के दाम तो कम कर दिए लेकिन आसमान छूती महंगाई को रोकने के लिए यह नाकाफी है। सरकार को खाद्य तेल एवम राशन सहित आमजन की आवश्यकता की विभिन्न चीजों,सेवाओं के दाम कम करके लगाम लगानी होगी।
यह प्रतिक्रिया हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करके अगर सोचे कि महंगाई कम हो जाएगी तो यह नाकाफी है। सरकार को इससे हट कर बाकी चीजों पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जो ड्राइविंग लाइसेंस 250 रुपए में बनता था वो आज 5500 रुपए में बनता है। स्टील की कीमत 3600 रुपए से 6500 रुपए हो गई है। रेत की एक ट्राली जो 1500 रुपए की आती थी आज 6000 रुपए की हो गई है। घरों में डिश रिचार्ज 150 रुपए से बढ़कर 450 हो गया है। एटीएम से पैसे निकालने का चार्ज नहीं लगता था लेकिन अब तीन बार से ज़्यादा बार निकालने पर हर बार 105 रुपए लगते हैं। मोटरसाइकिल 50,000 रुपए से बढ़कर 90,000 रुपए की हो चुकी है। 350 रुपए का रसोई गैस सिलेंडर अब 965 रुपए में मिल रहा है। मोबाइल इनकमिंग फ्री होती थी लेकिन अब हर माह 49 रुपए देने पड़ते हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को हर क्षेत्र में महंगाई पर लगाम लगाने हेतु कदम उठाने होंगे। जिस तरह से सरकार ने जमाखोरों और मुनाफाखोरों को खुला हाथ दिया है उससे महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ दी है। दीपक शर्मा ने कहा कि 7 वर्ष पूर्व देश पर 2.5 लाख करोड़ का कर्ज था जो की अब बढ़कर 25लाख करोड़ हो चुका है।लगभग 7 लाख करोड़ रुपए की राहत मोदी सरकार ने देश के पांच बड़े घरानों को दी है लेकिन आमजन को कोई राहत नहीं दी। बेरीज़गारी दर 2 फीसदी थी जो अब बढ़कर 22 फीसदी हो चुकी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में 40 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे थे जो अब भाजपा राज में बढ़कर 80 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुके हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न भिन्न कर दिया है।उन्होंने कहा कि नोटबन्दी, जीएसटी, देश की सरकारी सम्पत्तियों को बेचने का मोदी सरकार का कदम देश के लिए आत्मघाती सिद्ध हो रहा है। जब तक मोदी सरकार किसानों, मजदूरों, बेरोज़गारों के उत्थान के लिए महत्वकांक्षी एवम व्यवहारिक कदम नहीं उठाती तब तक देश का आर्थिक उत्थान सम्भव नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को बड़े उद्योगपतियों के हाथों में बेचकर देश आर्थिक रूप में सम्पन्न नहीं बल्कि गुलामी की ओर जाएगा अतः इस बारे सरकार को हटधर्मिता छोड़कर किसान हितों में तीनों काले कानून वापस लेने चाहिए तभी देश का भला सम्भव है। दीपक शर्मा ने कहा कि हाल ही में हुए चारों उपचुनावों में जनता ने भाजपा को पहली डोज़ दे दी है जो कि कारगर सिद्ध हुई है अब दूसरी डोज़ 2022 के विधानसभा चुनावों में दी जाएगी जिसके बाद मुकम्मल इलाज संभव होगा।
भाजपा सरकार द्वारा केवल पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम करना महंगाई रोकने में नाकाफी : दीपक शर्मा
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