नई दिल्ली । इस दीपावली ड्रैगन को कारोबार में भारत की ओर से बड़ा झटका लगा है। एक अनुमान के अनुसार इस दिवाली पर 1.25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बिक्री हुई है। यही नहीं, स्वदेशी वस्तुओं की खपत पर जोर देने के अभ‍ियानों की वजह से लोगों ने चीनी सामान से दूरी बनाई और इसकी वजह से चीन को करीब 50 हजार करोड़ रुपए का झटका लगा है। कन्फडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के दावे के मुताबिक इस बार दिवाली पर लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की बिक्री हुई है। उनका कहना है कि कैट ने पिछले साल 'चीनी सामान के बहिष्कार' का आह्वान किया था। उनका दावा है कि इसकी वजह से इस साल दिवाली पर चीन को 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार का नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि इस साल छोटे कारीगरों, कुम्हारों, शिल्पकारों,और स्थानीय कलाकारों ने अपने उत्पादों की अच्छी बिक्री की।
भरतिया का कहना है कि इस बार पटाखा कारोबारियों को खासा नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि राज्यों के ढुलमुल रवैये के कारण पटाखों के छोटे निर्माताओं और विक्रेताओं को कारोबार में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कैट का कहना है कि बिक्री के आंकड़े उसके रिसर्च विंग कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसायटी (सीआरटीडीएस) के द्वारा टेलीफोनिक सर्वे के आधार पर निकाले जाते हैं।
कैट के मुताबिक दिवाली में खास तौर पर एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता सामान, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सफेद सामान, रसोई के सामान और सहायक उपकरण, उपहार के सामान, मिष्ठान्न आइटम, मिठाई, होम फर्निशिंग, बर्तन, सोना और गहने, जूते, घड़ियां आदि खूब बिकीं। इसके अलावा फर्नीचर, कपड़े, फैशन परिधान, घर की सजावट के सामान, मिट्टी के दीयों सहित दिवाली पूजा के सामान, देवता, दीवार पर लटकने वाली सजावटी वस्तुएं, हस्तशिल्प के सामान, वस्त्र, शुभ-लाभ वंदनवार, ओम जैसे सौभाग्य के प्रतीक, घर की साज-सज्जा आदि में जबरदस्त कारोबार हुआ।