नई दिल्ली : कोयला घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की तरफ से जारी उस समन पर रोक लगा दी है, जिसके तहत मनमोहन सिंह को कोर्ट में बतौर आरोपी पेश होना था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है।

पिछले महीने 11 तारीख को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आरोपी के तौर पर समन किया था। सीबीआई कोर्ट ने उनके समेत छह लोगों को अगली सुनवाई के दौरान 8 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। इसके बाद मनमोहन सिंह ने 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए इस समन पर रोक लगाने की अपील की थी।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मनमोहन सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा है कि जब यह वह इस याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं कर लेता, तब तक ट्रायल कोर्ट में कोयला घोटाले मामले में सुनवाई नहीं होगी। इस तरह से मनमोहन सिंह अब बतौर आरोपी पेश नहीं होना होगा। सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई को भी एक नोटिस जारी किया है और 3 हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है।

क्या है मामला?
यह मामला साल 2005 का है। जिस समय कोयला घोटाला हुआ था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री के पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था। इसी दौरान बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को ओडिशा के तालाबीरा में दो कोयले के ब्लॉक आवंटित किए गए थे। इससे पहले ये ब्लॉक सार्वजनिक क्षेत्र की निवेल्ली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन के पास थे।

सीबीआई के स्पेशल जज भरत पराशर ने 11 मार्च को आईपीसी की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश), 409 (किसी लोकसेवक, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून (पीसीए) के प्रावधानों के तहत छह आरोपियों को कथित अपराधों के लिए समन किया था। इनमें मनमोहन सिंह के अलावा उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख और तीन अन्य शामिल थे। दोषी ठहराए जाने पर आरोपियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने समन जारी होने के बाद कहा था, 'मुझे विश्वास है कि सच सामने आएगा। मैंने हमेशा कहा है कि मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। पूरे मामले से मैं चिंतित हूं, लेकिन यह भी ज़िंदगी का एक हिस्सा है।' इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े कांग्रेस नेताओं ने मनमोहन सिंह के प्रति समर्थन जताने के लिए पार्टी मुख्यालय से उनके घर तक मार्च किया था।