नई दिल्ली । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी उत्तराखंड यात्रा के दौरान देहरादून में मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना और सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस देवभूमि उत्तराखंड की रचना करने का काम श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया था और ना जाने कितने युवा उत्तराखंड की मांग करते-करते शहीद हो गए और उस समय हमारी पार्टी भी उत्तराखंड के युवाओं के साथ इस मांग को बुलंद कर रही थी। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि उत्तराखंड के युवाओं पर गोली किसने चलाई। श्री शाह ने कहा कि मैंने अपनी पिछली यात्रा के दौरान कहा था कि अटल जी ने उत्तराखंड बनाया है और मोदी जी इसे संवारेंगे और उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास होगा।
गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां तीन कार्यक्रमों की शुरूआत एक साथ हुई है। पहला, उत्तराखंड की सभी पैक्स (Primary Agricultural Credit Society, PACS) का कम्प्यूटरीकरण का काम आज संपन्न हो गया है। कम्प्यूटराइज़ेशन होने से पैक्स के सदस्यों को कभी घपले या घोटाले का सामना नहीं करना पड़ता। कम्प्यूटराइज़ेशन होने से ज़िला बैंकों के साथ, ज़िला बैंकों का राज्य सहकारी बैंकों के साथ और राज्य सहकारी बैंकों का नाबार्ड के साथ सीधा जुड़ाव होता है और किसानों की सभी योजनाएं पैक्स के माध्यम से किसानों तक सीधे पहुंचती हैं। देश में बहुत कम राज्य अभी तक इस काम को पूरा कर सके हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार एक कार्ययोजना बना रही है जिसके अंतर्गत देशभर के सभी पैक्स को कम्प्यूटराइज्ड करके उन्हें ज़िला बैंक, राज्य सहकारी बैंक और नाबार्ड के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि आज जो दूसरा बड़ा काम हुआ है, वो है मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना का शुभारंभ। हम जानते हैं कि उत्तराखंड में पहाड़ों में विपरीत मौसम में पशुओं के लिए चारा पहुंचाने में हमारी माताओं और बहनों को बहुत दिक़्क़त होती है। यहां लगभग लगभग 2,000 किसान लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर मक्के की खेती करेंगे और उससे वैज्ञानिक तरीक़े से पौष्टिक पशु आहार बनाने की योजना बनी है जिसका फ़ायदा लगभग एक लाख किसानों तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि तीसरा काम आज हुआ है, वो है कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन। ये सहकारी प्रशिक्षण केन्द्र कोऑपरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए आज बेहद ज़रूरी हैं। सहकारी आंदोलन को पिछली सरकारों ने क्षीण कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज़ादी के अमृत वर्ष में एक नया सहकारिता मंत्रालय बनाकर सहकारिता से जुड़े हुए देश के करोड़ों किसानों, महिलाओं, श्रमिकों, मछुआरों आदि के कल्याण के लिए बहुत बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि किसी को सालों तक याद नहीं आया कि अगर सहकारिता आंदोलन मूर्त रूप नहीं लेता है तो छोटे-मंझले किसानों, मछुआरों, माताओं-बहनों, पशुपालन में लगे भाईयों का क्या होगा। लेकिन मोदी जी ग़रीब के घर से आते हैं और ग़रीब का दर्द उनके दिल में रहता है। सहकारिता को प्रशिक्षण के बिना बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना के अंतर्गत 30 प्रतिशत सब्सिडी पर दो रूपए किलो की दर से पशु आहार दिया जाएगा और इसके कारण माताएं-बहनें ढेर सारी आपदाओं से बचेंगी।