- मप्र खाद संकट: मप्र में आंकड़ों में खाद की भरमार...एक बोरी खाद के लिए गांवों से जिला मुख्यालय तक लग रही कतार...किसान की आत्महत्या के बाद जागी सरकार...15 नवंबर के बाद स्थिति में आएगा सुधार
- सरकारी दावों में 3 लाख 18 हजार 263 मीट्रिक टन यूरिया, एक लाख 31 हजार 454 मीट्रिक टन डीएपी और एक लाख 4 हजार 590 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध
भोपाल । प्रदेश में इनदिनों डीएपी एवं अन्य खादों को लेकर संकट मचा है। किसान हर दिन अपने घरों से खाद के लिए निकलते हैं और देर रात खाली हाथ ही लौटते हैं। गांवों की सहकारी समितियों से लेकर जिला मुख्यालय तक खाद वितरण केन्द्रों से लौटाया जा रहा है। वहीं सरकार का दावा है कि पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टाक में है। इस बीच अशोकनगर में एक किसान ने कीटनाशक खाकर जान दे दी। वह बारिश की वजह से फसल बर्बाद होने और अब खाद न मिलने से परेशान था। मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनन-फानन में खाद संकट पर बैठक बुलाई। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि 15 नवंबर के बाद ही खाद मिल सकती है। यानी किसानों को खाद के लिए अभी और 17 दिन इंतजार करना होगा। मध्यप्रदेश में खाद संकट विकराल रूप लेता जा रहा है। अशोकनगर के एक किसान ने खाद संकट के चलते कीटनाशक पीकर जान दे दी। इससे पहले, गुना और अशोकनगर में खाद की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर प्रशासन ने लाठीचार्ज किया था। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिलाया है कि प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार डीएपी, यूरिया, एनपीके की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी, किसान भाई परेशान न हों। प्रदेश के विभिन्न स्थान पर 32 अतिरिक्त रैक 30 अक्टूबर तक पहुंचेंगे। यह यूरिया किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
15 नवंबर से पहले दूर नहीं होगा खाद संकट
मुख्यमंत्री ने शनिवार तक यूरिया पहुंचने का दावा किया है, लेकिन अफसरों का कहना है कि 15 नवंबर से पहले खाद संकट दूर होता नजर नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि नवंबर में खाद की आपूर्ति को लेकर भारत सरकार से चर्चा करेंगे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री चौहान ने अपने निवास पर प्रदेश में खाद की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में खाद की आपूर्ति के संबंध में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से फोन पर चर्चा की।
आंकड़ों में नहीं है संकट
भले ही मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में किसान खाद के लिए सड़कों पर उतरे हो, आंकड़े अच्छे नजर आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर के अंत तक 3 लाख 48 हजार मीट्रिक टन यूरिया किसानों ने उठाया था। इस साल 3 लाख 18 हजार मीट्रिक टन उठा लिया है। बाकी शेष बची मात्रा भी इस माह के अंत तक उपलब्ध करा दी जाएगी। पिछले साल अक्टूबर तक 2 लाख 78 हजार मीट्रिक टन डीएपी किसानों ने खरीदा था। इस साल 2 लाख 31 हजार मीट्रिक टन डीएपी किसान खरीद चुके हैं। बची हुई शेष मात्रा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
समितियां के गोदाम खाली तो शहर पहुंच रहे लोग
शासन और प्रशासन चाहे भले ही दस्तावेजी तौर पर दावा कर रहा है कि प्रदेश में फिलहाल पर्याप्त खाद है। लेकिन वास्तविकता यह है कि प्रदेश भर के गोदाम खाली हैं। गांवों में खाद नहीं मिलती तो लोग शहर पहुंचते हैं, यहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ता है। इस साल समितियों में नकदी में खाद की व्यवस्था नहीं की गई है। साथ ही दूसरे बैंकों के कर्जदारों को भी नहीं दिया जा रहा है।
व्यापारी महंगे दाम पर बेच रहे
जिलों में व्यापारियों के पास खाद बताई जा रही है, जो निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल रहे हैं। किसानों को बोनी का कार्य करना है, वह अधिक दिन इंतजार नहीं कर सकते, इसलिए अधिक कीमत देकर व्यापारियों से मजबूरी में खरीद रहे हैं।
हम पूरी ताकत से खाद की व्यवस्था में लगे हैं: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान आश्वस्त रहें, हम पूरी ताकत से खाद की व्यवस्था में लगे हैं और इसमें हमें भारत सरकार का पूरा सहयोग भी मिल रहा है। चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, बस धैर्य रखें यह मेरा निवेदन है। कल मैंने किसान भाइयों को कहा था कि 31 अक्टूबर तक प्रदेश में 31 रैक आएगी। अब 31 की बजाय 32 रैक प्रदेश में आ रही हैं। मैं लगातार भारत सरकार के संपर्क में हूं। आज भी आपूर्ति के संबंध में मैंने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से फोन पर चर्चा की है।
प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद उपलब्ध: पटेल
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया है कि वर्तमान में 3 लाख 18 हजार 263 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एक लाख 31 हजार 454 मीट्रिक टन डीएपी और एक लाख 4 हजार 590 मीट्रिक टन एनपीके भी उपलब्ध है। विगत 3-4 दिन में ही यूरिया, एनपीके और डीएपी के 26 रैक लग चुके हैं। उन्होंने बताया कि आगामी 2-3 दिनों में 21 रैक यूरिया, एनपीके और डीएपी पहुंचने वाला है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि किसान भाई कानून अपने हाथ में नहीं लें, उर्वरकों की आपूर्ति सतत जारी है।
सरकार के नेता खाद की कालाबाजारी करवा रहे: पटवारी
कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस शासन काल में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने सरकार पर आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में खाद की कालाबाजारी सरकार के ही नेता करवा रहे हैं। किसान यह सब देख रहा है, सरकार को सबक सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान हमेशा से कहते आए हैं कि हम किसान के बेटे हैं। लेकिन उनके राज में खाद की कालाबाजारी हो रही है और भाजपा के नेता यह कालाबाजारी कर रहे हैं। यह नेता रात में अपने गोदामों में खाद को भरवाते हैं और उसकी कालाबाजारी करते हैं।