जयपुर । राज्य के माइंस विभाग ने बंशी पहाडपुर क्षेत्र में 39 खनन प्लॉटों की ई नीलामी की प्रक्रिया शरु कर दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 135.94 हैक्टेयर क्षेत्र के 30 खनन प्लाटों की ई नीलामी 10 नवंबर से आरंभ होकर 24 नवंबर तक चलेगी वहीं 94.70 हैक्टेयर क्षेत्र के 9 खनन प्लॉटों की नीलामी 25 नवंबर से आरंभ होकर 3 दिसंबर तक चलेगी। उन्होंने बताया कि नीलामी की यह प्रक्रिया भारत सरकार के ई नीलामी पोर्टल एमएसटीसी के माध्यम से की जा रही है।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों से इसी साल मार्च में बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए व बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया और जून में केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कराई गई। भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई। उन्होंने बताया कि इससे क्षेत्र में वैध खनन हो सकेगा वहीं राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैध तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा। एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने देश भर में बंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते हुए यहां हो रहे अवैध खनन को रोककर वैध खनन की अनुमति के लिए सभी संभावित प्रयास करने के निर्देश दिए थे और उसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करने और वन भूमि के डायवर्जन की अनुमति प्राप्त हो गई है। उन्होंने बताया कि बंशी पहाडपुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है। माइंस एवं पेट्रोलियम मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया द्वारा भी बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में वैद्य खनन के लिए किए जा रहे प्रयासों की निरंतर मोनेटरिंग की जाती रही है।