जयपुर । शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत गैर सरकारी विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के नि:शुल्क प्रवेश हेतु लॉटरी निकाली। शिक्षा मंत्री ने कहा कि दलित, आदिवासी,अल्पसंख्यक, सामान्य, पिछड़ा आदि सभी श्रेणी के गरीब विद्यार्थियों को पढऩे के लिए अच्छा वातावरण, स्कूल व शिक्षक उपलब्ध कराने की जिस सोच के साथ यह अधिनियम लाया गया था उसकी क्रियान्विति सुनिश्चित करने हेतु विभाग लगातार प्रयासरत है तथा इसी कड़ी में आरटीई के तहत लॉटरी निकाली गई है जिसके द्वारा 1 लाख 11 हजार से अधिक आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा पा सकेंगे।
निजी विद्यालयों को इनकी फीस का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।  शिक्षा विभाग द्वारा पिछले ढ़ाई सालों में हासिल की गई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए शिक्षा राज्यमंत्री ने ने कहा कि एक ओर जहां कोरोनाकाल में शैक्षिक नवाचारों के द्वारा विद्यार्थियों की शिक्षा को अवरुद्ध होने से बचाया गया जिसकी प्रशंसा राष्ट्रीय स्तर पर हुई वहीं अनेकों भर्तियां निकाल कर तथा कोर्ट में लंबित भर्ती प्रकरणों का निस्तारण करके बेरोजगारों को रोजगार दिया गया तथा विद्यार्थियों को शिक्षक उपलब्ध कराएं गए। श्री डोटासरा ने बताया की हाल में संपन्न रीट परीक्षा का परिणाम अगले एक से डेढ़ महीने में आना अपेक्षित है तथा विभाग द्वारा 29000 नई भर्तियां जल्द निकाली जाएगी जिसमें दस हजार से अधिक कंप्यूटर अनुदेशकों की भर्ती के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग को नोडल एजेंसी बनाकर सिलेबस जारी कर दिया गया है तथा शीघ्र ही विज्ञप्ति भी जारी कर दी जाएगी। विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु राजीव गांधी करियर पोर्टल का सृजन किया गया है जिस पर विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, प्रवेश परीक्षाओं और छात्रवृत्तियों के बारे में जानकारी से लाखों विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। डोटासरा ने कहा की शिक्षकों तथा अधिकारियों के परिश्रम से राज्य शिक्षा के क्षेत्र में लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है।