रांची । पटना में 27 अक्टूबर 2013 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट का ब्लू प्रट रांची में ही तैयार हुआ था। इस बम ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए बम भी रांची से भेजे गए थे। इस सीरियल बम ब्लास्ट का मास्टर माइंड आतंकी हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था। घटना के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने उसे रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड से गिरफ्तार किया था। एनआइए की छानबीन में यह खुलासा हुआ था कि हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी का लिंक आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) व इंडियन मुजाहिदीन से था। इसके बाद से ही एनआइए उसकी तलाश कर रही थी। हैदर अली को बम व विस्फोटकों के मामले में महारत है। इंडियन मुजाहिदीन के यासिन भटकल और तहसीन अख्तर उर्फ मोनू का वह काफी करीबी भी था।
तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ मेनन मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के कल्याणपुर स्थित ममियापुर का रहने वाला है, जो बाद में गिरफ्तार किया गया था। वह हिंदपीढ़ी में मदीना मस्जिद के पास किराये के मकान में रहता था। वहीं, हैदर भी मूल रूप से दरभंगा का रहने वाला है और रांची में डोरंडा स्थित युनूस चौक के पास किराये के मकान में रहता था। पटना बम ब्लास्ट के बाद पुलिस टीम ने रांची स्थित हिंदपीढ़ी के इरम लॉज के एक कमरे से नौ टाइमर लगे बमों को बरामद किया था। इन बमों को हैदर ने ही बनाया था।
पटना के सीरियल बम विस्फोट के बाद गिरफ्तार रांची के सिठियो निवासी इम्तियाज अंसारी ने पुलिस को बताया था कि उसने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है। वह तब धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होता था। धार्मिक कार्यक्रमों में वह तकरीर भी करता था। घटना से कुछ माह पूर्व हिंदपीढ़ी में तकरीर के दौरान ही वहां मौजूद तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ मेनन उससे प्रभावित हुआ। तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने ही इम्तियाज से हैदर को मिलवाया था। तब हैदर हिंदपीढ़ी के इरम लाज में मुजीबुल्ला के पास भी आता-जाता था और दोनों में दोस्ती थी। उसने ही बमों को तैयार कर इरम लॉज में रखा था।
हैदर ने ही दिया था बम प्लांट करने का प्रशिक्षण
इम्तियाज ने एनआइए को स्वीकारोक्ति बयान में बताया था कि तहसीन अख्तर उर्फ मोनू ने ही उसे बताया था कि पटना में नरेंद्र मोदी की सभा है। 25 अक्टूबर 2013 को मोनू व हैदर अली ने मिलकर अपने अन्य साथी तौफिक, तारिक को भी बुलाया और पूरी योजना बनाई गई कि नरेंद्र मोदी की सभा में विस्फोट करना है। वहां हैदर अली ने ही बम और टाइमर सेट करने की विधि बताई थी। बम विशेषज्ञ होने के कारण हैदर अली अपने साथियों को प्रशिक्षित भी किया था। 26 अक्टूबर 2013 को तय कार्यक्रम के अनुसार सभी रांची के स्टेशन रोड में मिले और वहां से खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंचे। वहां मोनू व हैदर ने ही अन्य चार साथियों को तीन-तीन बम दिए और टाइमर भी दिए तथा उसे सोच-समझकर सेट करने और भीड़भाड़ वाले इलाके को दहलाने का आदेश दिया था।
सभी इस्लाम का वास्ता देकर खादगढ़ा बस स्टैंड से बस से पटना के लिए चले थे। पटना में पहुंचकर जक्शन पहुंचे और प्लेटफार्म नंबर दस पर स्थित शौचालय के समीप बम रखने के क्रम में मोहम्मद तारिक उर्फ ऐनुल से एक विस्फोट हो गया था, जिसमें मोहम्मद तारिक गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। यह देखकर इम्तियाज हड़बड़ा गया और बम को पानी में छुपाने के लिए दौड़ा ही था कि पुलिस की नजर पड़ गई और वह पकड़ा गया। घटना के बाद मोनू व हैदर दूसरी गाड़ी से थे, जो कहीं भाग निकले। इसी क्रम में मोहम्मद तौफिक व नाबालिग भी कहीं भाग गये थे। बाद में सभी पकड़े गए थे।