भोपाल : राज्यपाल श्री रामनरेश यादव ने स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र और राज्य की सेवा के लिये संकल्पित होने का आव्हान किया है। श्री यादव शुक्रवार को रविन्द्र भवन में स्वराज संस्थान संचालनालय के स्वाधीनता पर्व कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा और पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में उपस्थितजन के विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भी गीत गाया। गायक युगल श्री रूप कुमार राठौर और श्रीमती सोनाली राठौर का शॉल-श्रीफल से सम्मान किया गया।
राज्यपाल ने स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े व्यक्तियों और घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आजादी के लिये संघर्ष में सभी का योगदान है। राजनीतिज्ञ, क्रांतिकारियों के साथ ही कवियों, शायरों और साहित्यकारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आजादी के पर्व को संकल्प दिवस के रूप में मनायें। अपनी जिम्मेदारियों का अहसास करते हुए जन साधारण को देश को विश्व का सिरमौर बनाने के लिये संकल्प लेना चाहिये।
राज्यपाल ने प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद अच्छी फसलों के लिये किसानों को बधाई देते हुये कहा कि प्रदेश सरकार के सहयोग से उन्होंने अभूतपूर्व उपलब्धि प्राप्त की है। उन्होंने मध्य प्रदेश को देश का नंबर वन राज्य बनाने के प्रयासों में संवैधानिक प्रमुख के रूप में अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि स्वाधीनता दिवस के अवसर पर एक नया मध्य प्रदेश गढ़ना होगा जिसमें मॉ, बेटियाँ बहनें, नौजवान और किसान सहित सभी आगे बढ़ें। कोई भी भूखा, गरीब, पीछे और नीचे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बदलने के लिये किसी एक व्यक्ति और वर्ग के प्रयास पर्याप्त नहीं होंगे। समस्त मध्य प्रदेशवासियों को एक नई सृष्टि के निर्माण के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश तेजी से विकसित हो रहा है। ग्यारह प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर के साथ देश के राज्यों में सबसे आगे है। कृषि में 24.99 प्रतिशत की अभूतपूर्व विकास दर राज्य ने प्राप्त की है। लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। राज्य में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाना है। इस कार्य में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को एक करोड़ तक के बैंक ऋण की गारंटी राज्य सरकार ले रही है। उन्होंने महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक सशक्तिकरण को विकास की अनिवार्यता बताते हुए कहा कि गुण्डों के दिमाग ठिकाने लगाने के लिये बेटियों को डण्डा देंगे। इसके लिए पुलिस में महिलाओं को आरक्षण भी देंगे। श्री चौहान ने आजादी के बलिदानी, वीर जवानों से जुड़े प्रसंगों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिये उनका स्मरण किया जाना जरूरी है। स्वाधीनता आंदोलन, देश की सीमाओं की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की स्मृति में भोपाल में शौर्य स्मारक बन रहा है। उन्होंने राज्य के आजादी के शहीदों का उल्लेख करते हुए उनकी स्मृति में स्मारक बनाने के निर्णय की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि ये स्मारक देश भक्ति की प्रेरणा देंगे। देश-प्रदेश के लिये सर्वश्रेष्ठ करने का जज्बा जगायेंगें। उन्होंने कहा कि हमारे देश का 5 हजार वर्ष से पुराना गौरवशाली इतिहास है। जब आज के नवराष्ट्रों का अस्तित्व भी नहीं था तब भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्व विद्यालय थे। भारत को फिर से महान बनाने के लिये प्रदेश को आगे बढ़ाना होगा।
संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा कि आजादी एक लंबे संघर्ष के बाद मिली है। समाज के सभी वर्ग ने बढ़-चढ़ कर स्वाधीनता की बलि वेदी पर अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। आंदोलन में वीरांगनाओं के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इन्हीं सेनानियों से प्रेरणा लेने की दृष्टि से ही स्वराज संस्थान संचालनालय की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान देश में अनूठा है जिसके माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन की स्मृतियों को सँजोने और स्मरण करवाने की अनेक बहुआयामी पहल की गयी हैं। स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित देश के पहले सामुदायिक रेडियो आजाद हिंद के माध्यम से स्वाधीनता संग्राम के विविध पहलु, ज्ञात-अज्ञात रणबाँकुरों की वीरगाथाओं, राज्य प्रवर्तित जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोक समाज को दी जा रही है। भारतीय इतिहास, संस्कृति और वैभव की विरासत को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से वीर भारत परिसर की स्थापना की पहल की गयी है। शौर्य स्मारक में भारतीय थल,वायु और नौ सेना के इतिहास से जुड़ी जानकारियों के प्रदर्शन के प्रयास भी किए गए हैं।
आभार प्रदर्शन संस्कृति संचालक श्रीमती रेणु तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संस्कृति श्री के.के. सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणा ले राष्ट्र की सेवा करे
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