नई दिल्ली| देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के आईपीओ से पहले विदेशी निवेश की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, विदेशी निवेशकों में चीन की एंट्री पर रोक के लिए योजना बनाई जा रही है। भारत सरकार, चीनी निवेशकों को जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में शेयर खरीदने से रोकना चाहती है। एलआईसी जैसी कंपनियों में चीन का निवेश जोखिम पैदा कर सकता है। यही वजह है कि सरकार चीन के निवेश को रोकने पर मंथन कर रही है, हालांकि अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। पिछले साल गलवान घाटी में सीमा पर उपजे विवाद के बाद से कारोबारी स्थिति पहले जैसी नहीं रह गई है। सरकार लगातार चीन से आयात होने वाले प्रोडक्ट पर एंटी डंपिंग चार्ज लगा रही है। वहीं, टिकटॉक समेत कई चर्चित ऐप्स को भी बैन किया जा चुका है।
1 लाख करोड़ तक जुटाने की योजना: बहरहाल, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय और एलआईसी की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय ने भी अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आपको बता दें कि सरकार इस वित्त वर्ष के अंत तक एलआईसी का आईपीओ लेकर आ जाएगी। इस आईपीओ के जरिए सरकार 5% से 10% की हिस्सेदारी बेचकर करीब 1 लाख करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद कर रही है। इसके साथ ही एलआईसी की शेयर बाजार में लिस्टिंग होगी।
विदेशी निवेशकों के लिए भी खुलेगा LIC का दरवाजा, चीन की नो एंट्री
आपके विचार
पाठको की राय