भीलवाड़ा | आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि एक शिष्य अपने गुरु के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से दो कदम आगे रह सकता है। उन्होंने कहा कि एक गुरु हमेशा यही प्रयास भी करता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि, एक गुरु को भी अपने शिष्यों से दो कदम आगे रहना होता है और खुद को सभी गुणों में एक आदर्श रूप में प्रस्तुत करना होता है। एक शिष्य को यह भी महसूस करना चाहिए कि वह अपने गुरु के आशीर्वाद से प्रगति कर रहा है।
भागवत ने यह टिप्पणी भीलवाड़ा में एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए की। उन्होंने यह भी कहा कि संतों का कार्य आध्यात्मिक है, जो हर चीज का आधार है। जबकि हमारा कार्य क्षेत्र मुख्य रूप से भौतिक दुनिया है।उन्होंने कहा कि दुनिया में एक-दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म हमें एक-दूसरे की मदद करके आगे बढ़ना सिखाता है। जो मेरे लिए अच्छा है वह दूसरों के लिए भी अच्छा है। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा का विचार है।
संघ प्रमुख बोले- शिष्य अपने गुरु से दो कदम आगे रह सकता है
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