जयपुर । राज्यपाल कलराज मिश्र ने रामबाग पोलो ग्राउण्ड में 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय जीत की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर सप्त शक्ति कमान द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला के समापन समारोह में कहा है कि भारतीय सेना के जवानों में वह दम-खम, शौर्य और पराक्रम है कि दुश्मन को भारत की ओर आंख उठाने से पहले दस बार सोचना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि भारत की नीति सदैव से किसी पर आक्रमण नहीं करने की रही है, लेकिन भारतीय सेना में ताकतवर से ताकतवर दुश्मन के दांत खट्टे करने की क्षमता है। राज्यपाल मिश्र ने स्वर्णिम विजय वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्ष 1971 में पाकिस्तान ने जब हमारे देश पर हमला किया तब देश की तीनों सेनाओं ने शानदार समन्वय के साथ इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत के वीर सैनिकों ने 13 दिन तक चले युद्ध में अदम्य साहस, पराक्रम और जज्बे से ही पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को युद्धबन्दी बनाया। इस कारण आज का यह दिन पूरे देश के लिए भारतीय सेना पर गौरव का महान दिन है। राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर सम्मानित किए गए 1971 के युद्ध के वीर योद्धाओं एवं उनके परिजनों को भी बधाई और शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने रामबाग पोलो ग्राउण्ड में घोड़ों और हैलीकॉप्टर पर हैरतअंगेज करतब दिखाने और युद्ध कौशल का प्रदर्शन करने वाले जांबाजों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस शानदार प्रदर्शन को देखने के बाद सभी के मन में यह विश्वास और दृढ़ हो गया है कि देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन बहादुर और अनुशासित जवानों पर है, उनका निशाना कभी चूक नहीं सकता। समारोह के दौरान आर्मी डॉग्स द्वारा राज्यपाल श्री मिश्र एवं उपस्थित अतिथियों का अभिवादन किया गया।
भारतीय सेना में है दुश्मन के दांत खट्टे करने की क्षमता-मिश्र
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